'मैं राज कपूर हो गया' में दिखेगा राज कपूर की फिल्मों का जादू

मनोरंजन 'मैं राज कपूर हो गया' में दिखेगा राज कपूर की फिल्मों का जादू

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-17 06:22 GMT
'मैं राज कपूर हो गया' में दिखेगा राज कपूर की फिल्मों का जादू

कलाकार : मानव सोहल, श्रावणी गोस्वामी, वीरेंद्र सक्सेना, अर्शिन मेहता, नाज़िया हुसैन, कंचन पंधारे आदि
कहानी, गीत व निर्देशन: मानव सोहल
निर्माता : मुकेश शर्मा, मानव सोहल, अर्पित गर्ग
संगीत व पार्श्व संगीत : विद्युत गोस्वामी
रेटिंग - 4 स्टार

लगभग आधी शताब्दी तक हिंदी सिनेमा जगत पर राज करनेवाले फ़िल्मकार राज कपूर भले ही इस दुनिया में ना हों, मगर अपने सिनेमा के ज़रिए वे आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं. उनके सिनेमा के जादू से लोग आज भी मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाते हैं. ऐसे में उनके सबसे बड़े फ़ैन्स में से एक एक्टर-डायरेक्टर मानव सोहल ने उन्हें सिनेमा के माध्यम से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के बारे में ना सिर्फ़ सोचा बल्कि सिनेमा‌ के बड़े पर्दे पर उसे साकार भी कर दिखाया.

राज कपूर के वृहद सिनेमाई संसार को किसी एक फ़िल्म के ज़रिए पेश‌ करना‌‌ लगभग नामुमकिन है, मगर मानव सोहल ने 'मैं राज कपूर हो गया' के माध्यम से एक ऐसी फ़िल्म बनाई है जिसे राज कपूर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के तौर पर देखा जाना चाहिए.

साधारण लोगों से जुड़ी कहानियों को साधारण लोगों तक सिनेमा के ज़रिए पहुंचाने में यकीन करनेवाले राज कपूर की फ़िल्मों की याद दिलाती फ़िल्म 'मैं राज कपूर हो गया' सच्ची घटनाओं से प्रेरित फ़िल्म है. अपने उम्दा निर्देशन और लाजवाब अभिनय से मानव सोहम ने एक बेहतरीन फ़िल्म बनाई है और राज कपूर‌ को सिनेमाई अंदाज़ में पुरज़ोर तरीके से याद दिलाने‌ की सराहनीय कोशिश‌ की है.

फ़िल्म में मुख्य भूमिका निभानेवाले मानव सोहल अपने अभिनय के सहज अंदाज़‌ से राज कपूर की याद दिलाते हैं तो वहीं श्रावणी गोस्वामी की अदाएं देखकर‌ आप नरगिस को याद किये बग़ैर नही‌ं रह पाएंगे. दोनों की जोड़ी‌ ने कमाल का काम‌ किया है और कहानी के‌ मुताबिक अपने किरदारों को पूरी ईमानदारी‌‌  के‌‌ साथ निभाया है.

'मैं राज कपूर हो गया' के इन दो लीड किरदारों के अलावा फ़िल्म के बाक़ी कलाकारों - अर्शिन मेहता, वीरेंद्र सक्सेना, नाज़िया हुसैन, कंचन पंधारे,‌ अनंत जोग, साहिबा ख़ुराना, जितेन मुखी, स्मिता डोंगरे, उर्मिला शर्मा ने भी अपने-अपने किरदारों को बख़ूबी और जानदार तरीके से निभाया है.

फ़िल्म‌ में‌ राज कपूर‌ की फ़िल्मों की मासूमियत को बरकरार रखा गया है. कहानी और तमाम किरदारों का जज़्बाती अंदाज़ फ़िल्म को एक अलग ऊंचाई प्रदान‌ करता है. 'मैं राज कपूर हो गया' जैसी उम्दा फ़िल्म से पता चलता है कि आज भी राज कपूर के दौर की याद दिलानेवाली‌ फ़िल्में बनाई जा सकती हैं और राज कपूर के सिनेमा‌ को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सकती है.

फ़िल्म के निर्देशन से लेकर गीत-संगीत, संपादन, छायांकन और अभिनय तक हरेक पहलू पर बहुत मेहनत की गई है जो सिनेमा के पर्दे पर साफ़ तौर पर‌ झलकती भी है. आप भी अपनी तरह की इस अलग फ़िल्म और पुराने दौर के सिनेमा की याद दिलानेवाली फ़िल्म का बड़े पर्दे पर ज़रूर लुत्फ़ उठाएं.

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