सेक्रेड गेम्स से एक्टर 'बंटी' की चमकी किस्मत, शुरुआती दिनों में ऐसे किया संघर्ष

सेक्रेड गेम्स से एक्टर 'बंटी' की चमकी किस्मत, शुरुआती दिनों में ऐसे किया संघर्ष

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-12 03:22 GMT
सेक्रेड गेम्स से एक्टर 'बंटी' की चमकी किस्मत, शुरुआती दिनों में ऐसे किया संघर्ष

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जब भी किसी वेब सीरीज की बात होती है तो नेटफ्लिक्स की पहली ओरिजिनल सीरीज सेक्रेड गेम्स का नाम जरुर आता है। इसका पहला सीजन बहुत शानदार रहा और दूसरे सीजन का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। यह सीरीज अपने विवादित कंटेंट और एक्टर्स की दमदार एक्टिंग के लिए जानी जाती है। सेक्रेड गेम्स में बंटी का किरदार निभाने वाले एक्टर जतिन सरना इस सीरीज के माध्यम से सुर्खियां बटौरने में काफी कामयाब रहे। जतिन ने हालही में अपने संघर्ष के बारे में बात की। 

बता दें दिल्ली में रहने वाले जतिन सरना एक ऐसी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं, जिन पर काफी कर्जा था। वे एक संयुक्त परिवार से हैं। उनकी स्कूली शिक्षा दिल्ली में ही पूरी हुई थी। हालांकि वे नौवीं क्लास में फेल हो गए, दसवीं उन्होंने ओपन लर्निंग स्कूल से की। ग्याहरवीं में दुबारा फेल होने के बाद, जैसे तैसे वे बारहवीं में पास हो सके। 

मीडिल क्लास फैमिली से होने के नाते, उनके घर में अक्सर कोई न कोई क्लेश लगा रहता था, जिसके चलते वे घर से भाग जाना चाहते थे। उनकी बचपन से इच्छा थी कि वे कुछ अलग करें। एक बार स्कूल में एक इवेंट के दौरान वे अक्षय कुमार की फिल्म मोहरा के एक गाने वाले ड्रेसअप में पहुंच गए थे और लोगों ने उनका काफी मजाक उड़ाया था। लेकिन जतिन ने कभी भी आलोचनाओं की परवाह नहीं की। कॉलेज से पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने फैसला कर लिया था कि वे एक्टिंग के क्षेत्र में हाथ आजमाएंगे।

खास बात यह है कि जतिन के घरवालों ने भी उनके इस फैसले का समर्थन किया। घरवालों ने भी कहा कि तुम जाकर अपनी किस्मत आजमा सकते हो। पिता से 5000 रुपए लेकर जतिन 2004 में मुंबई पहुंचे थे। लेकिन एक्टिंग की प्रापॅर ट्रेनिंग न होने की वजह से उन्हें दर दर की ठोकरे भी खानी पड़ी। मुंबई में उनका जो सपोर्ट सिस्टम था, उन्होंने भी साथ छोड़ दिया। ऐसे में जतिन को एहसास हुआ कि बिना ट्रेनिंग के एक्टिंग मुश्किल है और उन्होंने वापस दिल्ली आने का फैसला किया था।

अपना खर्चा निकालने के लिए उन्होंने पार्ट टाइम काम भी शुरु किया, क्योंकि वे अपने पिता के छोटे से बिजनेस में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखते थे। इसके बाद वे एनएसडी पहुंचे लेकिन उन्हें वहां एडमिशन नहीं मिला। इसके बाद वे श्रीराम सेंटर गए और अपनी परफॉर्मेंस से उन्होंने वहां मौजूद लोगों को इंप्रेस किया। इसके बाद ट्रेनिंग के बाद जतिन को काफी आत्मविश्वास मिला। सेक्रेड गेम्स से पहले उन्होंने कई सारे छोटे मोटे रोल किए। उसके बाद उन्हें असली पहचान अनुराग कश्यप की सीरीज़ सेक्रेड गेम्स मिली।

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