2023 में दर्शकों की मानसिकता कैसे विकसित होगी, इसका विश्लेषण करने की जरूरत है
निर्देशक दिल राजू 2023 में दर्शकों की मानसिकता कैसे विकसित होगी, इसका विश्लेषण करने की जरूरत है
डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्देशक दिल राजू ने साझा किया कि फिल्म निर्माताओं के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे कोविड के बाद के समय में दर्शकों को मनोरंजन को किस तरह से और समझते हैं।
भारतीय फिल्म उद्योग ने फिल्म की खपत के पैटर्न में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा है, जब से महामारी की शुरूआत और ओटीटी प्लेटफार्मों की क्रांति जब भारत लॉकडाउन में था।
हिंदी हो या दक्षिणी फिल्म उद्योग, बहुत कम मील के पत्थर फिल्मों ने बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी छाप छोड़ी है और अन्य फिल्मों ने अपने नाटकीय प्रदर्शन के बाद ओटीटी पर रिलीज होने पर शानदार प्रतिक्रिया देखी है।
किस तरह की फिल्मों पर काम करना चाहिए और कैसे इसको लेकर निर्माता दिल राजू ने अपने विचार साझा किए हैं।
दिल राजू साझा करते हैं, महामारी के बाद दर्शकों की मानसिकता में बदलाव के कारण, मैंने अपनी टीम को दस स्क्रिप्ट पर काम करना बंद करने के लिए कहा, जिन पर हमने बहुत पहले काम करना शुरू कर दिया था और मैंने सेट पर दो फिल्में लेना भी बंद कर दिया था।
मैं सभी निर्माताओं को अभी नई फिल्में शुरू नहीं करने का सुझाव दूंगा। पहले विश्लेषण करें कि 2023 में दर्शकों की मानसिकता कैसे विकसित होगी और फिर उसी के अनुसार स्क्रिप्ट का चयन करें और शूटिंग शुरू करें।
आईएएनएस
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