कभी साउथ की अभिनेत्री रही, अब निर्दलीय बनी सांसद, ऐसी है उनकी लव स्टोरी
कभी साउथ की अभिनेत्री रही, अब निर्दलीय बनी सांसद, ऐसी है उनकी लव स्टोरी
डिजिटल डेस्क। तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस नवनीत कौर राना, जिन्होंने तेलुगू फिल्मों में नायिका, विशेष नर्तकी और सहायक अभिनेत्री के रूप में अभिनय किया। नवनीत के अभिनय और खूबसूरती को देखकर महाराष्ट्र के विधायक रवि राणा का दिल उन पर आ गया और एक सामूहिक विवाह समारोह में दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद ही साल 2011 में नवनीत कौर ने अपने फिल्मी सफर को अलविदा कह दिया। राजनीति से जुड़े परिवार में शादी के होने के कारण, एक्ट्रेस ने भी साल 2014 में राजनीति में कदम रखा और एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दूसरी बार हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की।
नवनीत कौर ने रवि राणा से एक सामूहिक विवाह समारोह में शादी की। 2 फरवरी 2011 को हुए इस विवाह समारोह में कुल 3162 जोड़ों की शादी हुई थी। जिसमें 2443 हिन्दू, 739 बुद्ध, 150 मुस्लिम, 15 क्रिस्चियन और 13 दृष्टिहीन जोड़े शामिल थे। एमएलए की शादी होने के कारण इस समारोह में काफी नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की थी। जिनमें उस वक्त के महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, योग गुरु बाबा रामदेव, सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के अलावा विवेक ओबेरॉय भी शामिल थे।
नवनीत कौर राणा और विधायक रवि राणा की पहली मुलाकात भी अनोखी है। दोनों की पहली मुलाकात बाबा रामदेव के आश्रम में हुई थी। दरअसल, नवनीत कौर राणा योग का भी शौक रखती हैं। इसी शौक की वजह से वह बाबा रामदेव की फैन्स में से एक हैं। नवनीत की अपने पति रवि राणा से एक योगा कैंप में ही मिली थी और पहली नजर में ही रवि राणा, नवनीत को दिल दे बैठे। दोनों ने आपसी सहमति से इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए बाबा रामदेव से परमिशन ली।
34 वर्षीय अभिनेत्री और निर्दलीय उम्मीदवार ने शिवसेना नेता और दो बार के सांसद आनंदराव अडसुल को 36,000 से अधिक मतों से हराया। अभिनेत्री नवनीत कौर की जीत को चारो तरफ काफी सराहा जा रहा है। इस बार नवनीत ने पति रवि राणा द्वारा गठित एक राजनीतिक संगठन, युवा स्वाभिमानी पक्ष (YSP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उनके व्यापक प्रचार और ग्रामीण मतदाताओं के साथ जुड़ाव की वजह से वह इस चुनाव में जीत गई और शिवसेना के 71 वर्ष के इतिहास को बदल दिया।