KBC: जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर कचरे में फेंका, उसने जीते 12.50 लाख रुपए
KBC: जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर कचरे में फेंका, उसने जीते 12.50 लाख रुपए
- डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर कचरे के डिब्बे में डाला था
- पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं
- 10 वीं छात्रों को देती हैं मुफ्त शिक्षा
- रिश्तेदार ने जीवंत देख उठाया
- लेकिन दिव्यांगता ने घेर लिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जन्म लेते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और डाल दिया कचरे के डिब्बे में, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जब एक रिश्तेदार ने उस बच्ची के हाथ पैरों को हिलते देखा तो जाकर उठा लिया और उसे नया जीवन मिल गया। हालांकि डॉक्टरों की इस घोर लापरवाही का खामियाजा बच्ची को भुगतना पड़ा और वह शारीरिक रूप से अक्षम हो गई।
लेकिन, शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वह एक दिन खुद अपना नाम रोशन करेगी। अब 29 साल बाद नूपुर सिंह ने पॉपुलर शो कौन बनेगा करोड़पति का ना सिर्फ हिस्सा बनीं, बल्कि अमिताभ बच्चन के 12 सवालों का जवाब नूपुर ने दिए और 12.50 लाख रुपए भी जीते।
Noopor Chauhan inspired and impressed everyone last night. Watch how she fares in the game tonight on #KBC at 9 PM @SrBachchan pic.twitter.com/t9kZ7cnkh2
— Sony TV (@SonyTV) August 23, 2019
दिव्यांगता नहीं कर पाई हौसले को कम
दिव्यांग नुपूर चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बीघापुर में बेहद सामान्य परिवार में हुआ। नुपूर की मां कल्पना सिंह का कहना है दिव्यंगता के बावजूद नुपूर के हौसले कभी कम नहीं हुए, वह पढ़ाई में हमेशा अच्छी स्टूडेंट रहीं। कक्षा बारहवीं में नुपूर मेरिट में थी और पहले ही प्रयास में नुपूर का सिलेक्शन बीएड के लिए हो गया। वर्तमान में नुपूर एक प्ले ग्रुप में बच्चों को पढ़ाती हैं और 10वीं की छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देती हैं।
शो में ऐसे हुआ चयन
कौन बनेगा करोड़पति शो की यात्रा के बारे में नुपूर की मां का कहना है कि वह इस शो को हमेशा देखती और जब भी प्रतिभागियों से सवाल पूछे जाते वह उसका सही जवाब देती। इस बार जब यह सीजन शुरु हुआ तो हमने उसे भी अप्लाई करने को कहा और उसका चयन हो गया। अब जब नुपूर ने इस शो में हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के 12 सवलों के सही जवाब में 12.50 लाख जीते तो मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
नहीं किसी से शिकायत
नुपूर की मां का कहना है कि हमें डॉक्टरों से कोई शिकायत नहीं है। हम नूपुर की विकलांगता के लिए डॉक्टरों को दोष नहीं देते हैं। उनका कहना है कि यह उसकी नियती है। मैं किसी को दोष नहीं देती। नूपुर की जिंदगी अब गांव में एक स्टार के रूप में बदल गई है और लोग उससे मिलने के लिए उसके घर आते हैं।