फ़िल्म रिव्यू: जरुरी सवाल करती एक संवेदनशील फ़िल्म हैं : एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा
- कलाकार: रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितू कनोडिया, डेनिशा घुमरा, अक्षिता नामदेव, एम के शिवाक्ष
- निर्देशक: एम.के. शिवाक्ष
- निर्माता: बी.जे. पुरोहित
- बैनर: ओम त्रिनेत्र फिल्म्स
- अवधि: 02 घंटे 13 मिनट
- सेंसर: ए
- रिलीज़ की तारीख: 19 जुलाई 2024
- रेटिंग : 4 स्टार्स
कैसी है फ़िल्म एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा ; रणवीर शौरी, मनोज जोशी स्टारर पिक्चर की पढ़ें पूरी समीक्षा
सेंसर से जुड़ी कई बाधाओं से पार होने के बाद आखिर चर्चित फिल्म एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। यह फ़िल्म गुजरात दंगे से अलग हटकर सिर्फ गोधरा में ट्रेन में हुई दुर्घटना की बात करती है। क्या वह महज एक दुर्घटना थी या कोई साजिश थी, फ़िल्म इस तथ्य की तलाश करती नज़र आती है। फ़िल्म मेकर ने इस पिक्चर के द्वारा गोधरा कांड और गुजरात दंगे को अलग अलग देखने का प्रयास किया है।
फ़िल्म में किसी दूसरे धर्म सम्प्रदाय के लोगों, किसी राजनेता को इस दुर्घटना का जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है बल्कि इस मामले की जांच करने वाली नानावती शाह कमीशन की रिपोर्ट पर यह सिनेमा आधारित है। इस कमीशन की कार्यवाही के दौरान कोर्ट में जो कुछ बोला गया था उसी को आधार बनाकर यह कहानी दर्शाई गई है। साथ ही इस फ़िल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका एक युवक की है जिसके परिवारवाले दंगे में मारे गए थे। वह भी इस मामले की तह तक जाना चाहता है, और पुलिसकर्मियों, पीड़ितों के घरवालों से मिलता एवं पूछता है। निर्देशक दरअसल उस किरदार के माध्यम से यह दिखाना चाहते हैं कि इस प्रकार के दंगे और लड़ाई में किसी के परिवार वाले का कितना बड़ा नुकसान होता है।
फ़िल्म में अभिनय की बात करें तो दिग्गज अभिनेता रणवीर शौरी और मनोज जोशी ने अपने अपने किरदारों में जान फूंक दी है। लगता है कि बड़ी सरलता और सहजता से दोनों ने अपने चरित्रों को बिग स्क्रीन पर प्रेजेंट कर दिया है मगर यह हुनर असल मे वर्षों के अनुभव के बाद आता है और एक बेहतरीन ऎक्टर होने का प्रमाण उन्होंने एक बार फिर दे दिया है। स्टेशन मास्टर देशपांडे के रोल में हितू कनोडिया ने पूरी तरह इंसाफ किया है जिनकी पत्नी इस दुर्घटना में मारी जाती हैं। अक्षिता नामदेव ने देवकी की भूमिका निभाई है जिनका बच्चा और वह स्वयं जल जाते हैं।
निर्देशक एम के शिवाक्ष ने इस फ़िल्म में अपनी अदाकारी के जौहर भी दिखाए हैं। उन्होंने अभिमन्यु नामक एक ऐसे युवक का किरदार जिया है जिनकी फैमिली गोधरा कांड में मारी गई थी और वह इस गोधरा मामले की रिसर्च कर रहा है। एम के शिवाक्ष ने अपने चरित्र को बड़े नेचुरल तरीके से प्रस्तुत किया है। इस युवा निर्देशक और ऎक्टर में बहुत सारी संभावनाएं नजर आती हैं। उन्होंने ऐसे पेचीदा विषय को जिस प्रकार हैंडल किया है वह प्रशंसिय है। फ़िल्म के डायलॉग और बैकग्राउंड म्युज़िक बेहतर हैं।
इस फ़िल्म को मीडिया में प्रोपगेंडा और चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा था लेकिन यह एक ईमानदार कोशिश है जो देश मे हुई एक ऐसी घटना की बात करती है जिसको लेकर तरह तरह के विवाद उठे, अलग रिपोर्ट्स बनाई गई और यह फ़िल्म बहुत ही गंभीर ढंग से बात को रखती है बिना किसी धर्म या सम्प्रदाय पर उंगली उठाते हुए। सिर्फ यह दर्शाती है कि किस तरह यह घटना घटी थी वो भी नानावती कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार। जरुरी सवाल करती यह एक संवेदनशील फ़िल्म हैं
हां, आप खुद इस परिणाम पर पहुँचिए कि क्या यह एक साजिश थी या महज एक दुर्घटना थी? इसके लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर फ़िल्म देखनी होगी।