Film Review: साफ़ सुथरी कॉमेडी से ताज़ा हवा के झोंके जैसी लगती है फिल्म "पड़ गए पंगे", न्यू कमर समर्पण सिंह का जबर्दस्त अभिनय
- फ़िल्म समीक्षा : पड़ गए पंगे
- कलाकार : समर्पण सिंह, राजेश शर्मा, राजपाल यादव, फैसल मलिक, वर्षा रेखाटे
- निर्देशक : संतोष कुमार
- निर्माता : गौतम शर्मा, योगेश लखानी
- बैनर : प्राची फिल्म्स और अटर ऐक्शन
- अवधि : 1 घण्टा 58 मिनट
- सेंसर : यूए
- रेटिंग : 4 स्टार्स
आज से अगर 15- 20 साल पहले की बात करें तो यह वह दौर था जब किसी फिल्म की सफलता इस बात पर निर्भर करती थी कि उस फिल्म में हीरो कौन है। जितना बड़ा स्टार उतनी ही बड़ी हिट फिल्म। लेकिन अब वक्त बदल गया है और साथ ही बदला है दर्शकों के फिल्में देखने का नजरिया और फ्लेवर भी। आज का दर्शक फिल्म की कहानी और कंटेंट पर अधिक फोकस करता है, हीरो हीरोइन जो भी हो लेकिन कहानी जबरदस्त होनी चाहिए।
दर्शकों की इसी बात का ख्याल रखती है इसी शुक्रवार रिलीज हुई सिचुएशन कॉमेडी से भरपूर मसालेदार फिल्म "पड़ गए पंगे"। फिल्म में ड्रामा और कॉमेडी तो भरपूर है ही साथ ही समर्पण सिंह जैसे नए और राजेश शर्मा, राजपाल यादव और फैसल मलिक जैसे मंजे हुए कलाकारों ने अपनी शानदार एक्टिंग से फिल्म को और भी रोचक बना दिया है।
इस फिल्म के मुख्य किरदार आयुष की बात करें तो इसको निभाने वाले एक्टर का नाम है समर्पण सिंह। अपने बॉलीवुड करियर की पहली ही फिल्म में इन्होंने अपनी एक्टिंग में जो समर्पण दिखाया है वह अद्भुत और काबिले तारीफ है। इनको देखना दर्शकों के लिए काफी मनोरंजक होगा और ऐसा लगेगा ही नहीं कि यह इनकी पहली फिल्म है।
वहीं बात करें अगर फिल्म की तो शास्त्री जी (राजेश शर्मा) जो कि मैथ के टीचर हैं अब रिटायरमेंट के बाद अपने 30 साल पुराने मकान में जवान बेटे नीलेश और बहू मधु के साथ रहते हैं। शास्त्री जी को अपनी स्वर्गीय पत्नी की याद आती है और वह अजीब अजीब हरकतें करते हैं। उनकी यह बात उनकी बहू मधु को पसंद नहीं है इसलिए वह इस घर को छोड़कर अपने पति के साथ एक नए घर में जाना चाहती है। दूसरी ओर आयुष(समर्पण सिंह) और पारुल एक दूसरे से प्रेम करते हैं और जल्दी से शादी करके घर बसाना चाहते हैं। यहां तक तो सब ठीक चल रहा होता है लेकिन फिर एक दिन शास्त्री जी और आयुष एक लोकल हेल्थ चेकअप कैंप में जांच करवाने जाते हैं और पता चलता है कि दोनों को कैंसर है अब दोनों को लगने लगता है कि वह जल्दी ही मौत के मुंह में समा जाएंगे। यहीं से कहानी में आता है ट्विस्ट और इसके बाद जो कन्फ्यूजन और सिचुएशन बनती है उसे निकलती है कॉमेडी और होता है भरपूर ड्रामा, जो कि दर्शकों को हंसा हंसा के लोटपोट कर देता है। एक तरफ दो व्यक्ति कैंसर से मरने वाले हैं और उस हालत में जो हास्य पैदा होता है वही फिल्म को खास बनाता है।
फिल्म में अन्य किरदारों की बात करें तो कैप्टन जहाज सिंह की भूमिका में राजपाल यादव ने अपनी कॉमिक टाइमिंग और अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया है जो दर्शकों को जरूर पसंद आएगा। भैया जी की भूमिका निभा रहे हैं पंचायत सीरीज में उपप्रधान की शानदार भूमिका निभाकर भरपूर मशहूरियत पा चुके अभिनेता फैसल मलिक। साथ ही जग्गू और चारू का किरदार राजेश यादव और वर्षा रेखाते ने निभाया है। राजेश शर्मा और राजपाल यादव जैसे दिग्गज एक्टर्स ने अपनी भूमिका के साथ तो न्याय किया ही है साथ ही डेब्यू करने वाले समर्पण सिंह भी कुछ कम नहीं है।
फिल्म की कहानी साफ-सुथरी और अश्लीलता से दूर होने के कारण पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है। कहानी की गति को बनाए रखने के लिए फिल्म में मधुर संगीत भी है जो कहानी में चार चांद लगा देता है। छोड़ी तेरे सूट की कढ़ाई गाना बहुत ही ख़ास बन पड़ा हैं गाने में हरियाणवी फ्लेवर बहुत कुल मिलाकर कह सकते हैं की फिल्म "पड़ गए पंगे" मनोरंजन का फुल पैकेज है जिसमें मसाला, ड्रामा, रोमांस, कॉमेडी और जरूरी इमोशन भरपूर है।