Good news: UPSC सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा मौका देने के मामले में सरकार सहमत, इन अभ्यर्थियों को मिलेगा अतिरिक्त मौका
Good news: UPSC सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा मौका देने के मामले में सरकार सहमत, इन अभ्यर्थियों को मिलेगा अतिरिक्त मौका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण महामारी के कारण 2020 में UPSC का आखिरी अटेम्प्ट न दे पाने वाले कैंडिडेट्स के लिए अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के उन कैंडिडेट्स को एक और मौका देने के लिए राजी हो गई है, जिन्होंने अक्टूबर 2020 में अपना आखिरी अटेम्प्ट दिया था। बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि छात्रों को दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा।
शुक्रवार (5 फरवरी 2021) को न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्र ने कहा कि राहत खासतौर पर केवल सिविल सेवा परीक्षा-2021 (CSE) के लिए ऐसे अभ्यर्थियों तक ही सीमित रहेगी जो कि CSE-2020 में अपने अंतिम प्रयास में शामिल हुए थे और सीएसई-2021 में बैठने के लिए जिनकी आयु सीमा (अधिकतम 32 वर्ष) समाप्त नहीं हुई है। ऐसे अभ्यर्थियों को एक और बार परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।
29 जनवरी की सुनवाई में पीठ ने सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से सवाल किए थे कि सिर्फ इस बार के लिए अतिरिक्त अवसर दिया जाता है तो कितने अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा और UPSC के गठन होने के बाद से अब तक कितनी बार इस तरह की छूट दी गई है? एसवी राजू ने 1 फरवरी की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया था कि अतिरिक्त अवसर दिए जाने पर कुल 3308 उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा। पीठ ने कहा था कि अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किए बिना एक बार छूट देने से 3300 से अधिक उम्मीदवारों को राहत मिलेगी।
बता दें कि 4 अक्टूबर, 2020 को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में से 100 से ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे थे जिनका यह आखिरी अटेम्प्ट था। इन अभ्यर्थियों ने शीर्ष अदालत ने याचिका दायर कर सिर्फ एक बार की छूट के तौर पर 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि चार अक्टूबर 2020 को होने वाली इनकी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियां कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रभावित हुई थीं।
हर साल 9 से 10 लाख स्टूडेंट्स UPSC की परीक्षा में होते हैं शामिल
बता दें कि UPSC भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) , भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) समेत की तरह की सिविल सेवओं के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिवर्ष तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कराती है। हर साल करीब 9 से 10 लाख स्टूडेंट्स UPSC परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं और प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या लगभग 5,50,000 होती है। जबकि सिर्फ 1000-1200 पद ही खाली होते हैं। प्रीलिम्स के लिए परिणाम अगस्त में प्रकाशित किए जाते हैं, जबकि फाइनल परिणाम अगले वर्ष के मई में प्रकाशित किए जाते हैं। बता दें कि 2019 में करीब 4 लाख 93 हजार 972 स्टूडेंट्स ने UPSC परीक्षा दी थी।