अद्भुत कहानी: जीतेंद्र कुमार की अद्भुत कहानी झारखण्ड के गांव से बेंगलुरु में सफ़लता तक का सफ़र

मुझे वो दिन आज भी याद है जब मैंने पढ़ा था की कैसे भारत में वेब डेवेलोप्मेन्ट (Web Development) की मांग दिनो - दिन बढ़ रही है और कैसे यह हर एक सेक्टर में काम आता है। मैंने उसी दिन तय कर लिए था की मुझे वेब डेवलपर बनना है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-31 12:16 GMT

जीतेंद्र कुमार पंडित के जीवन की कहानी, अथक परिश्रम और परिस्थितियों के प्रति जीत की मिसाल है। झारखंड के एक छोटे से गाँव में जन्मे जीतेंद्र का बचपन से ही कंप्यूटर साइंस के प्रति लगाव था। अपने आस पास की विषमताओं के बावजूद जीतेन्द्र ने अपने टेक्नोलॉजी के प्रति प्रेम को कभी कम नहीं होने दिया।

जीतेन्द्र के पिताजी एक सब्ज़ी विक्रेता और परिवार के एकमात्र आजीविकाधारी थे। कोरोना के दौरान उनके काम पर काफ़ी बुरा असर पड़ा और अकेले घर के खर्च पूरे करना मुश्किल हो गया।

२०२० का साल पूरे परिवार के लिए आसान नहीं था और जीतेन्द्र के ऊपर भी पिताजी की मदद करने की जिम्मेदारी आ गई। कोरोना के आने से जीतेन्द्र का दिल्ली जाके कॉलेज में पढाई करके करियर बनाने की योजना भी अधूरी रह गई ।

"मुझे वो दिन आज भी याद है जब मैंने पढ़ा था की कैसे भारत में वेब डेवेलोप्मेन्ट (Web Development) की मांग दिनो - दिन बढ़ रही है और कैसे यह हर एक सेक्टर में काम आता है। मैंने उसी दिन तय कर लिए था की मुझे वेब डेवलपर बनना है। "

विपरीत परिस्थितियों में भी जीतेन्द्र ने हार नहीं मानी और फिर उन्होंने भारत के टेक्निकल हब बैंगलोर जाने का फैसला किया। बैंगलोर में जीतेन्द्र का कॉम्पिटिटिव टेक वर्ल्ड से सामना हुआ। बैंगलोर में जीतेन्द्र ने Capgemini कंपनी ज्वाइन की पर उन्हें जल्द ही समझ आ गया कि आज के तेजी से बदलते वक्त में किताबी ज्ञान से ज़्यादा व्यावहारिक ज्ञान की ज़रूरत है। इस एहसास के साथ जीतेन्द्र ने ओडिनस्कूल (OdinSchool) ज्वाइन किया। यहाँ जीतेन्द्र बस एक और छात्र नहीं थे, बल्कि एक कल्पनावादी थे जो अपने सपने का पीछा कर रहे थे।

"पढ़ने के दौरान मन में बहुत सारे टेक्निकल सवाल होते थे। अर्जित सर जो मेरे इंस्ट्रक्टर व् मेंटर थे, मुझे बहुत सपोर्ट किया और मेरे हर छोटे - बड़े सवाल को अच्छी तरह सुलझाया । मैँ उनका कौशल और लेटेस्ट टेक्निकल ट्रेंड्स की समझ व् ज्ञान को देख कर बहुत प्रेरित होता था। " 

ओडिनस्कूल (OdinSchool) जीतेन्द्र के लिए एक शिक्षा संस्थान से कहीं ज़्यादा था। यह उनके लिए परिवर्तन की सीढ़ी थी। रास्ता बहुत आसान नहीं था क्यूंकि नए काम्प्लेक्स कॉन्सेप्ट्स सीखने थे पर अर्जित सर के सही मार्गदर्शन से जीतेन्द्र को रियेक्ट वेब डेवलपमेंट जैसे जटिल विषय भी आसानी से समझ आ गए।

अगर हम जीतेन्द्र के ओडिनस्कूल (OdinSchool) के अनुभव के बारे में बात करें तो उन्होंने यहाँ कड़ी मेहनत से वास्तविक उदाहरणों को समझ कर, प्रोजेक्ट्स करके,नियमित अभ्यास कर, निपुण प्रशिक्षकों से ज्ञान प्राप्त किया। इस बूटकैंप के दौरान उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स किये जिनमें एक सोशल मीडिया एप्लीकेशन बनाना भी शामिल था , जिससे की उनके Node JS , Express JS, React और MongoDB के सिद्धांत और भी मज़बूत हो गए। इस हैंड्स-ऑन दृष्टिकोण से व्यावसायिक ज्ञान सीखने में उन्हें अत्यंत मदद मिली।

जीतेन्द्र को ओडिनस्कूल (OdinSchool) का समर्थन सिर्फ कक्षा तक ही नहीं बल्कि 'Peopletech' में नौकरी सुनिश्चित होने के बाद तक मिला। इससे उनकी छात्रों की सफलता के प्रति प्रतिबध्धता का पता चलता है। उन्होंने जीतेन्द्र को न केवल महत्तम वेतन प्राप्त करने में बल्कि उनके करियर की एक मुश्किल सीढ़ी चढ़ने में अत्यंत सहायता की।

जीतेंद्र की कहानी एक स्पष्ट उदाहरण है कि सिर्फ मौलिक सैद्धांतिक ज्ञान, वास्तविक दुनिया में अपनी पेहचान बनाने के लिए काफी नहीं है। ओडिनस्कूल (OdinSchool) ने अपने पाठ्यक्रम को इंडस्ट्री की व्यावसायिक मांगों के साथ संरेखित करके सुनिश्चित किया कि जीतेंद्र को हर वो सहयोग मिले जो उन्हें अपने क्षेत्र की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना करने में पूर्णतया सक्षम बनाए ।

संक्षेप में: झारखंड के गाँव से लेकर एक सफल जावा डेवेलपर बनने तक जीतेंद्र कुमार पंडित का सफर सहिष्णुता, अनुकूलता, और रणनीतिक शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप एक प्रेरणादायक कथा है। उनकी कहानी उत्साही पेशेवरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जिससे स्पष्ट होता है कि दृढ़ इरादे और सही मार्गदर्शन के साथ, कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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