लॉकडाउन में नौकरी गई, एप के जरिए लोन लिया, नहीं चुका पाए तो रिकवरी एजेंटों से परेशान होकर लोगों ने की आत्महत्या

लॉकडाउन में नौकरी गई, एप के जरिए लोन लिया, नहीं चुका पाए तो रिकवरी एजेंटों से परेशान होकर लोगों ने की आत्महत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-23 11:45 GMT
लॉकडाउन में नौकरी गई, एप के जरिए लोन लिया, नहीं चुका पाए तो रिकवरी एजेंटों से परेशान होकर लोगों ने की आत्महत्या

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। लॉकडाउन ने देश के तमाम लोगों की नौकरी छीन ली। जिसकी वजह से कुछ काम करने के लिए विभिन्न ऐप से लोन लेने की शुरुआत हुई। लेकिन उनमें से बहुत लोग लोन नहीं भर पाएं और रिकवरी एजेंटों के द्वारा इतना परेशान किया गया कि तंग आकर बहुत से लोगों ने आत्महत्या कर ली। जबकि अन्य मदद के लिए पुलिस से संपर्क कर रहे हैं, यहां तक ​​कि एजेंसियां ​​कानूनी खामियों और इस खतरे को रोकने के तरीकों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, मंगलवार को साइबराबाद और हैदराबाद पुलिस ने गुड़गांव और हैदराबाद से 19 लोगों को देशभर में तत्काल पैसा देने वाले ऐप घोटाले में गिरफ्तार किया हैं। 

पुलिस ने रैकेट की दी जानकारी

साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर सज्जनार ने कहा कि,"हमने बैंकों को लिखा है और 1.5 करोड़ रुपए से अधिक के 18 खाते फ्रीज किए हैं।"  रैकेट में चीन से धोखाधड़ी करने वालों की संलिप्तता पर संदेह है। वहीं, हैदराबाद पुलिस ने कहा कि वह कम से कम 30 ऐप से जुड़े करोड़ों के मनी लोनिंग रैकेट की जांच में जल्द ही ईडी और आईटी विभागों को शामिल करेगी। साथ ही देश भर में हजारों लोगों को निशाना बनाया गया है।

तेलंगाना में अब तक तीन लोग आत्महत्या कर चुके हैं। सिद्दीपेट में एक 24 वर्षीय, कृषि विस्तार अधिकारी के.मौनिका ने 3 लाख रुपए का ऋण लिया था और समय पर उसे न चुकाने के कारण, ऐप कंपनी ने उसे डिफॉल्टर का ब्रांड बताते हुए सोशल मीडिया पर उनकी फोटो, नाम और टेलीफोन नंबर साझा किया। जिसके बाद उन्होनें 16 दिसंबर को आत्महत्या कर ली। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक महिला जिसने एक ऐप से 20000 रुपए का ऋण लिया था, उसे परेशान किया गया क्योंकि वह ईएमआई देने में एक दिन चूक गई थी। उन्हें धमकियां दी जाने लगीं, उनके परिचत नंबरों पर फोटो भेजकर इन्हें फ्राड बताया जाने लगा। धमकी दी गई कि वसूले करने वालों को घर पर भेजेंगे। 

 

 

 

 

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