Hawala Network: क्या दलाई लामा की जानकारी जुटा रहा था चार्ली पेंग, जांच एजेंसियों ने जताया शक

Hawala Network: क्या दलाई लामा की जानकारी जुटा रहा था चार्ली पेंग, जांच एजेंसियों ने जताया शक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-16 11:08 GMT
Hawala Network: क्या दलाई लामा की जानकारी जुटा रहा था चार्ली पेंग, जांच एजेंसियों ने जताया शक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जांच एजेंसियों को हवाला नेटवर्क केस के मुख्य आरोपी चार्ली पेंग उर्फ ​​लुओ सांग पर दलाई लामा और उनके सहयोगियों पर जासूसी करने का शक है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि चार्ली पेंग दिल्ली में कुछ लामाओं के संपर्क में था और उनके जरिए बौद्ध धर्म के सर्वोच्च गुरु और उनके सहयोगियों की जानकारी जुटा रहा था। आरोपियों ने दिल्ली में मजनू का टीला, तिब्बती शरणार्थी कॉलोनी के पास कुछ व्यक्तियों को 2 से 3 लाख रुपये नकद रिश्वत के तौर पर दिए थे।

WeChat के माध्यम से किया जा रहा था कम्यूनिकेशन
I-T डिपार्टमेंट ने पाया कि पूरा कम्यूनिकेशन चीनी मोबाइल एप्लिकेशन WeChat के माध्यम से किया जा रहा था। चार्ली पेंग के साथ काम करने वाले ऑफिस बॉय के जरिए इन रुपयों के पैकेट बनाकर लामाओं तक पहुंचाया जाता था। I-T डिपार्टमेंट को इन ऑफिस बॉयज ने दिए अपने स्टेटमेंट में ये जानकारी दी है। आयकर विभाग ने दिल्ली के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी ट्रैक किया, जो हवाला लेनदेन के आरोपियों की मदद कर रहा था। यह सीए 40 से अधिक बैंक खातों को चला रहा था, जिसके माध्यम से चीनी कंपनियों के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन को ट्रैक किया गया है। हांगकांग जाने वाले हवाला लेनदेन को भी ट्रैक किया गया है।

2014 में चार्ली पेंग आया था भारत
पूछताछ में चार्ली पेंग ने बताया कि वह पहली बार 2014 में भारत में आया था। पेंग ने सबसे पहले दिल्ली में  नूडल्स का कारोबार शुरू किया और फिर बड़े हवाला रैकेट तक जा पहुंचा। एक दलाल के माध्यम से उसने भारतीय आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवा लिए। सबसे पहले वह नई दिल्ली में मजनू का टीला इलाके की पंजाबी बस्ती में रहा। बाद में द्वारका से गुरुग्राम शिफ्ट हो गया।

कई बैंकों के कर्मचारी रडार पर
विभाग ने बैंक खातों को अटैच किया है जिसमें करोड़ों का हवाला पैसा है और कई और बैंकों के कर्मचारी रडार पर हैं। विभाग के सूत्रों ने यह भी कहा कि बड़ी चीनी कंपनियां छोटी चीनी कंपनियों के लिए फर्जी पर्चेज ऑर्डर जारी कर रही थीं और उनके द्वारा बोगस बिल रेज किए गए थे। I-T विभाग यह जांचने के लिए GST विभाग के साथ संपर्क में है कि क्या फेक सेल्स चीनी कंपनियों द्वारा भी बुक की गई थी।


 

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