खुश हूं, इसलिए जब भी मौका मिलता है नाच लेता हूं : कोहली
खुश हूं, इसलिए जब भी मौका मिलता है नाच लेता हूं : कोहली
- कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में 120 रनों की पारी खेली
- तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारत 1-0 से आगे
डिजिटल डेस्क, पोर्ट ऑफ स्पेन। विराट कोहली आए दिन नए रिकार्ड कायम कर रहे हैं। कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर वह काफी सफल हैं और साथ ही एक इंसान के तौर पर वह अपने जीवन का भरपूर आनंद ले रहे हैं और यही कारण है कि, उनका जब भी जी चाहता है, जब भी कहीं संगीत बजता है, नाच लेते हैं। खुद कोहली ने "चहल टीवी" पर अपने साथी खिलाड़ी युजवेंद्र चहल से यह बात कही। चहल ने कोहली का एक वीडियो इंटरव्यू शूट किया है, जो बीसीसीआई डॉट टीवी पर पोस्ट किया गया है।
MUST WATCH: Chahal TV returns with #KingKohli
— BCCI (@BCCI) 12 August 2019
From @imVkohli"s record 42 ton to his dance moves , @yuzi_chahal makes a smashing debut in the Caribbean. By @28anand #TeamIndia #WIvIND
Full video here https://t.co/Cql7RCoaw1 pic.twitter.com/CCQu6dDRJA
चहल से बातचीत के दौरान कोहली ने कहा, "मैं मैदान पर भरपूर आनंद ले रहा हूं। सिर्फ कप्तान होने के कारण मैं किसी प्रकार के दबाव में नहीं रहता। हमें भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य मिला है और इसीलिए हमारे लिए जरूरी है कि हम जीवन का आनंद लें। हमें जब भी जहां भी संगीत बजे नाचना चाहिए और अपने विपक्षी साथियों को भी संग ले लेना चाहिए। मौजूदा समय में मैं काफी खुश हूं और यही कारण है कि जब भी मौका मिलता है डांस करने से नहीं चूकता।"
कोहली ने दूसरे वनडे में 120 रनों की पारी खेली। भारत ने यह मैच जीता। कोहली ने इस पारी के दौरान कई रिकार्ड कायम किए। कोहली ने अपने वनडे करियर का 42वां शतक पूरा किया। कोहली ने इस पारी के दौरान सौरव गांगुली के 11363 रनों के रिकार्ड को पीछे छोड़ा और अब उनकी नजर सचिन तेंदुलकर के 18426 रनों के विश्व रिकार्ड पर है।
कोहली ने आगे कहा, "हमारा हमेशा से लक्ष्य रहा है कि टॉप-3 में से कोई एक बड़ा स्कोर करे। रोहित काफी समय से अच्छा कर रहे हैं। मुझे भी जब मौका मिला है, रन बनाए हैं। दुर्भाग्य से रोहित और धवन आज नहीं चल सके और इसी कारण मेरे लिए विकेट पर बने रहना जरूरी था।
यह पूछे जाने पर कि बल्लेबाजी या फिर फील्डिंग के दौरान क्या चीज उन्हें प्रेरित करती है? कोहली ने कहा, "मेरा बहुत सरल माइंडसेट होता है। मैं टीम के लिए 100 फीसदी देना चाहता हूं। बल्लेबाजी हो या फिर फील्डिंग या फिर कैच या फिर रन आउट, मैं अपना श्रेष्ठ देना चाहता हूं। इसके लिए अनुशासित जीवनशैली जरूरी है। अगर आप अपना 100 फीसदी नहीं दे रहे हैं तो मेरी नजर में यह टीम के साथ नाइंसाफी है।