टिप्पणी: पूर्व कोच ग्रेग चैपल को लेकर बोले हरभजन सिंह- वो दौर भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे बुरा था
टिप्पणी: पूर्व कोच ग्रेग चैपल को लेकर बोले हरभजन सिंह- वो दौर भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे बुरा था
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने बुधवार को टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा समय बताया। चैपल ने एक शो पर महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कहा था कि, उन्होंने धोनी को हर बार गेंद को सीमारेखा के बाहर मारने के बजाए शॉट को नीचे खेलने की सलाह दी थी। इस आर्टिकल को पढ़कर हरभजन ने ट्वीट किया, उन्होंने धोनी को शॉट नीचे रखकर खेलने की सलाह इसलिए दी थी। क्योंकि कोच हर किसी को मैदान के बाहर पहुंचा रहे थे। वह अलग खेल खेल रहे थे।
चैपल अपना एक अलग ही खेल खेल रहे थे
पूर्व स्पिनर हरभजन ने ट्वीट किया, कोच हर किसी को मैदान के बाहर पहुंचा रहे थे, इसलिए उन्होंने धोनी को शॉट नीचे रखकर खेलने की सलाह इसलिए दी थी। वे अपना एक अलग ही खेल खेल रहे थे। चैपल ने धोनी को लेकर यह भी कहा था कि, उन्होंने धोनी से ताकतवर बल्लेबाज अभी तक नहीं देखा। चैपल 2005 से 2007 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे। उनका कार्यकाल हालांकि विवादों से भरा रहा और कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनके मतभेद रहे। जिसमें तत्कालीन कप्तान और मौजूदा समय में BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल थे।
सबसे ताकतवर बल्लेबाज हैं धोनी
चैपल ने हाल ही में प्लेराइट फाउंडेशन के साथ फेसबुक पेज पर बात करते हुए कहा, मुझे याद है कि जब मैंने उनको पहली बार बल्लेबाजी करते देखा तो मैं हैरान रह गया था। उस समय वह भारत में सबसे चमकदार क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह काफी अलग तरह से पोजीशन में आकर गेंद को मारते थे। मैंने जितने भी बल्लेबाज देखे हैं, उनमें से वो सबसे ताकतवर हैं।
चैपल ने कहा, मुझे उनकी श्रीलंका के खिलाफ खेली गई 183 रनों की पारी याद है। उनकी ताकतवर बल्लेबाजी उस समय बेहतरीन थी। अगला मैच पुणे में था और मैंने धोनी से कहा था कि आप हर गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने के बजाए शॉट नीचे रखकर क्यों नहीं खेलते। अगले मैच में हम तकरीबन 260 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और अच्छी स्थिति में थे। धोनी ने कुछ दिन पहले जो बल्लेबाजी की थी, वह उससे उलट बल्लेबाजी कर रहे थे।
चैपल ने कहा, हमें 20 रन चाहिए थे और धोनी ने 12वें खिलाड़ी आरपी सिंह के जरिए मुझसे छक्का मारने को पूछा था। मैंने कहा, तब तक नहीं जब तक लक्ष्य एक अंक में नहीं आ जाता। फिर जब हमें छह रन की जरूरत थी तो उन्होंने छक्का मारकर मैच समाप्त कर दिया।