एकबुर्जी जलाशय पर फ्लेमिंगो पंछियों ने डाला डेरा, इन मौसम में पहली बार देखा गया नजारा
- एकबुर्जी जलाशय पर फ्लेमिंगो का डेरा
- इस माह पहली बार देखा गया नजारा
- दुनिया में 6 प्रजातियां
डिजिटल डेस्क, वाशिम। जिले से 10 किलोमीटर दूर एकबुर्जी जलाशय में देशी-विदेेशी मेहमानों का तांता लगा है। गुजरात स्थित कच्छ का रण तक उड़ान भरने वाले फ्लेमिंगो पंछियों के लिए एकबुर्जी जलाशय शानदार पड़ाव बनता नजर आ रहा है, हालांकि हर बार की तरह इस साल मार्च-अप्रैल में फ्लेमिंगो यहां नजर नहीं आए थे, लेकिन जून में कच्छ की ओर लौटते समय जलाशय पर पंछियों का रुकना आचरज भरा है। फ्लेमिंगो को राजहंस पक्षी भी कहा जाता है। राजहंस पक्षी के बारे में अभी भी बहुत तरह की जानकारियां नहीं पता है। कुछ लोगों ने इसका नाम भी नहीं सुना होगा।
पूरी दुनिया में हंस की 6 प्रजातियां हैं। बड़े राजहंस यानि ग्रेटर फ्लैमिंगो सबसे बड़ी प्रजाति है।
जिसकी ऊंचाई 5 फीट
वजन 3 किलोग्राम होता है
प्रजाति अफ्रीका दक्षिणी यूरोप भारतीय उपमहाद्वीप
दक्षिणी पश्चिमी एशिया में पाई जाती हैं
जैव विविधता संस्था के अध्यक्ष पुरुषोत्तम इंगले के मुताबिक जून में इन पंछियों का दिखाई देना दुर्लभ है। इन दिनो इस जलाशय में ग्रेटर फ्लेमिंगो के अलावा काला करकोचा, तरंग बतख, मलकट बतख, मछली पकड़नेवाले उल्लू भी देखे जा सकते हैं। विदर्भ में केवल यहीं देशी-विदेशी मेहमान एक साथ देखे जा सकते हैं। जलाशय को हाल ही में गहरा किया गया था।