सौंपा ज्ञापन: ठेकेदारी पद्धति से कर्मचारियों की नियुक्ति करनेवाला शासन निर्णय तत्काल रद्द करने की मांग
- निर्णय तत्काल रद्द करने की मांग
- ठेकेदारी से कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति करनेवाला निर्णय
डिजिटल डेस्क, वाशिम. ठेकेदारी से कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति करनेवाला निर्णय तत्काल रद्द करने की मांग की गई। जिसे लेकर अमरावती विभागा के शिक्षक विधायक एड. किरणराव सरनाईक ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वित्तमंत्री अजित पवार के नाम पर ज्ञापन सौंपा। जिसमें एड. सरनाईक ने अवगत कराया की लोकतंत्र के चार आधारस्तंभाें में एक स्तंभ कार्यकारी मंडल है। कार्यकारी मंडल के महत्वपूर्ण घटक कर्मचारी है और इन कर्मचारियों की नियुक्ति ठेकेदारी पद्धति से बाहरी यंत्रणाओं से करवाने का मतलब शासन हाथ झटकने का प्रयास रहा है । जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है । ठेकेदारी पद्धति से भर्ती करने पर सेवा की गारंटी नही मिलेगी। कर्मचारियों को सही वेतन नहीं मिलेंगा और सेवा गारंटी कानून को पैरों तले रौंदा जाएंगा, ऐसे अनेक झमेले हैं।
शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति करनेवाला 6 सितम्बर का शासन निर्णय तत्काल रद्द करने की मांग शिक्षक विधायक एड. सरनाईक ने ज्ञापन में की । कुछ दिन पूर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा अन्य कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था, जिसमें इन सभी अधिकारी, कर्मचारियों की ठेकेदारी पद्धति से भर्ती किए जाने को लेकर उल्लेख था। भारत एक विशाल जनसंख्यावाला लोकतंत्र प्रधान देश है। इस कारण भारत जैसे देश में सर्वसामान्य जनता को सेवा मिलना बेहद महत्वपूर्ण है। ठेकेदारी पद्धति से कर्मचारी नियुक्ति हो और निजीकरण होने पर सर्वसामान्य जनता को सेवा की कोई भी गारंटी नही रहेगी।