महाराष्ट्र मेरी जिम्मेदारी, उत्तर भारतीयों के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता : उद्धव
- ठाणे में गरजे ठाकरे, भाजपा और शिंदे गुट पर साधा निशाना
- तानाशाही को कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा
- महाराष्ट्र मेरी जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, ठाणे. शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को ठाणे के गडकरी रंगायतन में आयोजित हिंदी भाषी सम्मेलन में भाजपा और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उद्धव ने उत्तर भारतीयों के साथ पारिवारिक रिश्ता बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र मेरी जिम्मेदारी है और महाराष्ट्र सभी उत्तर भारतीयों का दूसरा घर है।
उद्धव ने कहा कि आप सब मेरा परिवार और मेरी जिम्मेदारी हैं, इसलिए मैं हमेशा परिवार के मुखिया के रूप में काम करता रहूंगा, क्योंकि उत्तर भारतीयों के साथ प्रेम का रिश्ता जुड़ा है। इसलिए मैं खुद को आपके परिवार का एक सदस्य मानता हूं। सारा महाराष्ट्र मेरी जिम्मेदारी है। अब तो जंग छिड़ चुकी है। आगामी चुनाव में एक-दूसरे को लड़ाने का काम किया जाएगा। लेकिन हम हिंदुओं को एक साथ आना होगा। मैं हिंदुओं के खिलाफ नहीं हूं, बल्कि तानाशाही के खिलाफ हूं। महाराष्ट्र आपका दूसरा घर है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप साथ आए हैं, तो उस एकता को टूटने नहीं देंगे।
जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया उसी के साथ आज सत्ता में
उन्होंने भाजपा को सबसे बड़ी भ्रष्ट पार्टी करार देते हुए कहा कि जो लोग यह आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस से समझौता कर मुख्यमंत्री बन बैठे, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि मैं खुलेआम कांग्रेस के साथ गया, न कि रात के अंधेरे में पलायन कर मुख्यमंत्री बना। प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि जिसके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, उसी के साथ आज सत्ता में बैठे हैं।
उद्धव ने कहा कि कुछ बोगस लोग शिवसेना को अपना बता रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हम ही असली शिवसेना हैं। ठाणे शिवसेना का गढ़ था, है और भविष्य में रहेगा। भाजपा की यह चाणक्य नीति नहीं, कूटनीति है, जो कहते हैं कि शिवसेना और उद्धव ठाकरे ने क्या किया है। यह सवाल पूछने वालों को ही उत्तर भारतीय जवाब देंगे।
तानाशाही को कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा
उद्धव ने कहा कि किसने हमें कांग्रेस के साथ जाने के लिए मजबूर किया। 25 साल का फेविकोल का जोड़ तोड़ने का काम भाजपा ने किया। मैं तानाशाही को कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा, क्योंकि मैं बालासाहेब ठाकरे के पुत्र हूं। हमें घंटा बजाने वाला हिंदू नहीं चाहिए, बल्कि आंतकवादियो से लड़ने वाले हिंदू चाहिए। मणिपुर की घटना पर हिंदुत्व के ठेकेदार चुप बैठे हैं। हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने वाले चुप हैं।