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दादागिरी: पुलिस कर्मी को धमकाया, केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटील के खिलाफ मामला दर्ज
- चुनाव के दौरान मंत्री अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर चिल्लाने लगे
- अदालत की स्पष्ट अनुमति या निर्देश के बिना पुलिस नहीं कर सकती कार्रवाई
- धमकाने और काम में बाधा डालने का है आरोप
डिजिटल डेस्क, ठाणे । लोकसभा चुनाव के दौरान 20 मई को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक पुलिसकर्मी पर कथित तौर पर झल्लाने, धमकाने व काम में बाधा डालने को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटील के खिलाफ गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय राज्य पंचायती राज मंत्री भिवंडी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बार भी इसी सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
अपनी शिकायत में पुलिस उप-निरीक्षक ने कहा कि 20 मई को जब वह भिवंडी में एक मतदान केंद्र पर तैनात थे, तब मंत्री और चार अन्य लोग कुछ मसलों को लेकर वहां पहुंचे। मंत्री कथित तौर पर पुलिसकर्मी पर चिल्लाने लगे, उन्हें धमकाया और उनके काम में बाधा डाली। उन्होंने बताया कि पाटील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (सरकारी कर्मचारी के कामकाज में बाधा डालना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। गैर-संज्ञेय अपराधों में पुलिस अदालत की स्पष्ट अनुमति या निर्देश के बिना न तो प्राथमिकी दर्ज कर सकती है, न ही जांच कर सकती है, न गिरफ्तार कर सकती है।
दिवा में ठाणे मनपा के डंपिंग ग्राउंड की जगह पर बन रही अवैध चाल : दिवा शहर के पास ठाणे महानगरपालिका की डंपिंग ग्राउंड की जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। भू-माफिया इस जमीन पर पढ़े कचरे को समतल कर अवैध चालियां बना रहे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि मनपा की इस बंजर भूमि को हड़पने के लिए भू-माफिया हरे जाल लगा कर अपना अधिकार जताने की कोशिश करने में लग गए हैं। हालांकि इस संदर्भ में दिवा प्रभाग समिति के सहायक आयुक्त अक्षय गुडदे ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। इस बंजर भूमि पर एक तरफ तो पहले ही भू-माफियाओं ने अवैध चालियां बना दी थी। इन चाॅलों में अब लोग रहने भी लगे हैं। इन चालियों में तीन से चार फुट तक कूड़े के लेवलिंग ढेर लगाए गए हैं। निवासी अभी भी क्षेत्र में रह रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा कि बंजर भूमि क्षेत्र मानसून के दौरान पूरी तरह से पानी में डूबा रहता है। ये निवासी मनपा की पानी की मुख्य लाइनों से पानी चुराते हैं और उसका उपयोग करते हैं।
गांववासियों ने किया था विरोध : यहां के स्थानीय गांववासियों ने भी इस जगह पर कचरा नहीं डालने का विरोध किया था। गांव वालों का इसके पीछे तर्क था कि यह भूमि शहर के पास है। इसलिए इस कूड़े के ढेर से फैल रही बदबू से नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा है। अब इस विरोध का फायदा उठाते हुए स्थानीय भू-माफिया विभिन्न क्षेत्रों में ग्रीन नेट लगाकर जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं। इस स्थान पर सबसे पहले एक पत्रे का शेल्टर लगाया जाता है और उसकी घेराबंदी की जाती है। फिर अवैध रूप से पत्रा लगाकर व ईंटों का पक्का निर्माण कर अवैध निर्माण किया जाता है। ऐसा आरोप यहां के सामाजिक कार्यकर्ता रोहिदास मुंडे ने लगाया है। मुंडे ने कहा कि दिवा शहर में हर सड़क, गली और मुख्य व्यस्त सड़क पर अवैध इमारतों का निर्माण चल रहा है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
Created On :   23 May 2024 12:40 PM IST