ठाणे मनपा: सड़क विस्तारीकरण के नाम पर ली जगह, बनाई जा रहीं दुकानें - कार्यप्रणाली पर सवाल
- 30.5 मीटर चौड़ी करनी थी सड़क, 27.5 मीटर ही प्रशासन ने चौड़ी की
- 03 मीटर में चल रहा निर्माण कार्य, 94 दुकानें महानगरपालिका बना रही
- 15 साल पहले वन विभाग ने की थी तोड़क कार्रवाई, 28 अवैध निर्माण किए गए थे जमींदोज
डिजिटल डेस्क, ठाणे. वागले एस्टेट स्थित रोड नंबर-33 पर कामगार नाका से इंदिरा नगर नाका के बीच सड़क चौड़ी करने के लिए ठाणे मनपा (टीएमसी) ने कई घर तोड़ दिए थे। प्रभावितों को रेंटल हाउसिंग की इमारतों में घर दिए गए हैं। खाली जगह पर सड़क की चौड़ाई योजना से कम बढ़ाई गई। चौंकानेवाली बात यह कि सड़क किनारे बची जगह पर दुकानें (गाला) बनाई जा रही हैं। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि मनपा प्रशासन का कहना है कि ये दुकानें सड़क प्रभावितों (पीएपी) के लिए बनाई जा रही हैं। टीएमसी उक्त सड़क को 30.50 मीटर चौड़ी करना चाहती थी। 20 जनवरी, 2018 को नोटिस जारी कर वहां रहनेवालों को घर खाली करने को कहा गया। शिवसेना (उद्धव) विभाग प्रमुख प्रतीक राणे ने बताया कि खाली कराई गई जगह पर मनपा ने 27.5 मीटर चौड़ी सड़क बनाई है। बची तीन मीटर जगह में प्रशासन दुकानें बनवा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेताओं के निजी फायदे के लिए प्रशासन यह काम कर रहा है। कुछ वर्ष पहले रोड नंबर-33 स्थित कामगार हॉस्पिटल परिसर में भी सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए जगह खाली करा कर वहां भी दुकानें बनाई गई हैं।
पूर्व नगरसेवक पर आरोप
मनपा प्रशासन के दावे के विपरीत स्थानीय लोगों ने बताया कि मनपा हर दुकान के लिए चार से पांच लाख रुपए मांग रही है। आरोप है कि मनपा यह काम एक पूर्व नगरसेवक की मदद से कर रही है। उनका कहना है कि मनपा ने 40 साल से रह रहे लोगों को दूसरी जगह भेज दिया और अब खाली जगह पर दुकानें बना दूसरों को दे रही है।
जमीन को लेकर विवाद
वागले एस्टेट सड़क क्रमांक-33 पर स्थित इंदिरा नगर परिसर में 15 साल पहले वन विभाग ने 28 अवैध निर्माण जमींदोज किए थे। वन विभाग ने उक्त जमीन पर अपना हक जताया था। लेकिन अब उसी जगह शेष अन्य निर्माण को तोड़ कर मनपा प्रशासन 94 दुकाने बना रहा है। सवाल यह कि जब जमीन वन विभाग की है तो मनपा प्रशासन वहां दुकानें कैसे बना रहा है। इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
राजीव शिरोडकर, विभाग प्रमुख-शिवसेना (उद्धव) के मुताबिक इस परिसर में निर्माण कार्य करने पर वन विभाग कार्रवाई करता है। इससे पहले कई बार वन विभाग ने अवैध निर्माण तोड़े हैं। जमीन यदि वन विभाग की है, तो दुकान बनाने की अनुमति मनपा प्रशासन ने कैसे दी। जब यहां के घर सड़क विस्तारीकरण के नाम पर तोड़े गए थे तो दुकानें किसके लिए बनाई जा रहीं हैं।
भालचंद्र घुगे (सहायक आयुक्त-लोकमान्य, सावरकर नगर प्रभाग समिति का कहना है कि मनपा महासभा में पारित प्रस्ताव के मुताबिक, आयुक्त के मार्गदर्शन में यहां पर सड़क विस्तारीकरण के लिए बीच में बने घर-निर्माण तोड़े गए थे। जो दुकानें बनाई जा रही हैं, वह परियोजना प्रभावितों को उपलब्ध कराई जाएंगी।