सुप्रीम कोर्ट: अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल कर बचाए शिर्डी के एक भूखंड पर सौ साल पुराने पेड़
- विशेष शक्ति का इस्तेमाल
- बचाए शिर्डी के एक भूखंड पर स्थित सौ साल पुराने पेड़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट को शिर्डी में एक भूखंड पर सौ साल पुराने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ा, जो कुछ भूमि मालिकों, भूखंड धारकों और एक नगर परिषद के बीच कानूनी विवाद में फंस गया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने भूस्वामियों और भूखंड धारकों की एक वैकल्पिक प्रार्थना स्वीकार की, जिसमें शिर्डी नगर पंचायत इस भूखंड पर स्विमिंग पूल और एक गेम हॉल के प्रस्तावित विकास के लिए जिस भूमि पर सौ साल से भी पुराने पेड़ लगे है उस क्षेत्र को छोड़कर उसके बदले कहीं और जमीन देने के लिए तैयार है। शीर्ष अदालत ने कहा कि भूखंड धारकों की यह बात तर्कपूर्ण है। इसलिए हम सौ साल पुराने पेड़ों को बचाने के लिए अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करके भूमि मालिकों को नगर परिषद में अभ्यावेदन देने की अनुमति देते है और नगर परिषद ने भी कानून के तहत उनके अभ्यावेदन को स्वीकार करना चाहिए।
पीठ ने सुनवाई के दौरान जुलाई 2019 के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को भी रद्द कर दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकारी नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए आदेश दिया था कि नगर पंचायत सीमित निर्माण कर सकता है। शिरडी नगर परिषद ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसके द्वारा प्राधिकरण को केवल भूखंड मालिकों के आवासीय आनंद के सीमित उद्देश के लिए क्षेत्र को विकसित करने की अनुमति दी गई थी। दूसरी ओर नगर परिषद ने एक स्विमिंग पूल और एक इनडोर गेम हॉल विकसित करने के लिए भूमि के एक हिस्से को कब्जे में लेने की मांग की।