सिवनी: दो आरोपियों को जेल, प्रबंधक को लिया रिमांड पर, संदिग्धों से पूछताछ जारी, हो सकते हैं बड़े खुलासे

  • दो आरोपियों को जेल, प्रबंधक को लिया रिमांड पर
  • संदिग्धों से पूछताछ जारी, हो सकते हैं बड़े खुलासे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-01 07:57 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी। सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखलाकला में करीब दो करोड़ के धान घोटाले के मामले में अरी पुलिस ने तीनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया। आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर अभिषेक कटरे और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शोभाचंद बघेल जेल भेज दिया है वहीं प्रबंधक को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस दो संदिग्धों और आरोपी प्रबंधक से पूछताछ करेगी। संभावना है कि इसमें और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। अभी तक यह बात सामने नहीं आ पाई है कि धान कहां और किसको बेची गई है। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी बघेल से और पूछताछ की जाएगी। हालांकि अभी तक हुई पूछताछ में वह धान कहां गई यह नहीं बता पा रहा है।

प्रबंधक निलंबित, दो कर्मी बर्खास्त

सहकारी समिति ताखलाकला में इस घोटाले में हुई एफआईआर के बाद प्रशासक एसडी तंतुवाय ने प्रबंधक सत्यनारायण बघेल को निलंबित कर दिया है। वहीं दूसरी और कंप्यूटर ऑपरेटर अभिषेक कटरे और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शोभाचंद बघेल की सेवा समाप्त कर दी है। समिति का प्रभारी प्रबंधक यशवंत ठाकुर को बनाया गया है। इस कार्रवाई के बाद समिति महकमे में भी हडक़ंप मचा हुआ है।

यह भी पढ़े -लापरवाही करने वाले थाना प्रभारियों पर होगी कार्रवाई

रिकार्डों का चल रहा मिलान

इस बड़े घोटाले में शिकायत मिलने और एफआईआर के बाद विभागीय रिकार्डों का मिलान ही चल रहा है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कितने किसनों का भुगतान यहां पर अटका पड़ा हुआ है। हालांकि समिति ने ६८६ किसानों से ४८८४४ क्विंटल धान खरीदना बताया है। जिन किसानों को भुगतान नहीं हुआ है उनमें आक्रोश बढ़ रहा है। किसानों को भुगतान तभी होगा जब उनकी धान जमा हो जाएगी। लेकिन यहां से बड़ी धान गायब है। वर्तमान में नागरिक आपूर्ति निगम,जिला सहकारी बैंक, जिला आपूर्ति कार्यालय, सहकारिता कार्यालय के बीच ही फाइल घूम रही है। एक दूसरे से रिकार्ड बुलाए जा रहे हैं और लगातार पत्राचार चल रहा है।

उपार्जन समिति ने बनाया था केंद्र

खरीफ सीजन में धान खरीदी केंद्र का प्रस्ताव जिला उपार्जन समिति के समक्ष रखा गया था। यह बात सामने आई थी कि ताखलाकला समिति में पूर्व में गबन के प्रकरण सामने आए थे। वहीं समिति ने बताया था कि वर्ष २०१९-२० में उपार्जन का काम नहीं किया गया था। वर्ष २०२३-२४ के लिए धान खरीदी केंद्र बनाने की मांग की गई थी। इसमें बताया गया था कि जो कमीशन मिलेगा उस राशि से समिति के संचालन और विभागीय देयकों का भुगतान किया जाएगा। हालांकि केंद्रीय बैंक की अनुशंसा से ही ताखलाकला समिति को धान खरीदी केंद्र बनाने की बात कही जा रही है।

यह भी पढ़े -दोहरे हत्याकांड में 16 आरोपियों को आजीवन कारावास

तो खरीदी केंद्रों में बिक गई धान

बताया यह भी जा रहा है कि ताखलाकला समिति से ७४ सौ क्विंटल धान खरीदी के दौरान आसपास के ही धान खरीदी केंद्रों में बिकी है। इसमें पुलिस यह पता लगा रही है कि धान खरीदी करने वाले कौन -कौन हैं। उनकी निशानदेही पर ही धान की जब्ती होगी पुलिस आरोपियों के कॉल डिटेल्स के आधार पर अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है। पुलिस को शक है कि धान खरीदी बिक्री करने के लिए बड़े गिरोह ने मिलकर काम किया है। संभवत: धान भी उसी केंद्रों में बेची गई होगी जहां पर धान की अधिक आवक हुई है।

इनका कहना है

धान खरीदी में हुई गड़बड़ी को लेकर विभागीय जांच चल रही है। सभी जगह से रिकार्ड मंगाए जा रहे हैं। प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।

पुष्पेंद्र कुशवाहा, उपायुक्त, सहकारिता

यह भी पढ़े -नगर पालिका ने तहसीलदार को दिया आवेदन, सीमांकन के बाद जारी होंगे नोटिस

Tags:    

Similar News