Seoni News: विस्थापन के लिए काटे जाएंगे 13 हजार से ज्यादा हरे-भरे पेड़

  • नवीन अभ्यारण्य घोषित किया गया था कर्माझिरी
  • नया गांव बसाने की चल रही कार्रवाई, वन क्षेत्र में लगे हैं पेड़

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-19 12:08 GMT

Seoni News: एक तरफ जहां वन विभाग का काम पौधे लगाने और पेड़ों को सुरक्षित करने का है, तो वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में हरे-भरे पेड़ों को काटने का काम हो रहा है। दरअसल, पेंच टाइगर रिजर्व के वन ग्राम कर्माझिरी के विस्थापन के लिए जोगीवाड़ा गांव के पास नए स्थान पर 13 हजार पेड़ काटे जाना है।

अभी तक यहां पर करीब दो हजार पेड़ काटे जा चुके हैं। खास बात यह है कि यहां पर कई पेड़ सालों पुराने और छायादार भी हैं। हालांकि वन विभाग का कहना है कि शासन के आदेश पर विस्थापन की कार्रवाई के तहत ही पेड़ों की कटाई की जा रही है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने 26 जुलाई 2022 को कर्माझिरी को नया अभ्यारण्ण घोषित किया था। इसके बाद से उसके विस्थापन के लिए कवायद की जा रही है।

इतने पेड़ों को काटा जाना है

जानकारी के अनुसार पेड़ों की कटाई का काम उत्पादन वन मंडल को दिया गया है। रूखड़ वन परिक्षेत्र के अतर्गत रिजर्व फॉरेस्ट एरिया क्रमांक 436 और 437 में 13900 पेड़ काटे जाने हैं। केवल फलदार और आस्थामूलक पेड़ नहीं काटना है। ऐसे 246 पेड़ चिन्हित किए हैं, बाकी छायादार और अन्य प्रजाति के पेड़ काटे जाएंगे। काटे हुए पेड़ों की लकड़ी और लट्ठे आदि उत्पादन वन मंडल के डिपो में जमा किए जाएंगे। फिलहाल जिन पेड़ों को अभी तक काटा गया है उनकी लकड़ी का परिवहन नहीं हुआ है।

170 हेक्टेयर में होगी बसाहट

कर्माझिरी को जोगीवाड़ा गांव से करीब दो किमी दूर 170 हेक्टेयर यानी 425 एकड़ भूमि में विस्थापन किया जाना है। विस्थापन के संबंध में पात्रता समिति का गठन भी कर दिया गया है। विस्थापित परिवारों के पास भूमि,आवास अथवा आर्थिक लाभ का ऑप्शन रहेगा। परिवार इकाई द्वारा भूमि का विकल्प चयन करने पर कुल इकाई के अनुपात में पंचायत एवं सिंचाई विभाग द्वारा विकसित कृषि भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं प्रति परिवार इकाई के लिए कम से कम 3.75 लाख रुपए भवन निर्माण के दिए जाएंगे। जो परिवार इकाई आर्थिक लाभ का विकल्प चुनेगा उन्हें 15-15 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।

इसलिए कटना है पेड़

प्रस्तावित विस्थापन परियोजना में रहवासी क्षेत्र में बिजली, पानी, सडक़, स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र जैसी मूलभूत अधोसंरचना निर्माण किया जाना है। निर्माण कार्यों और कृषि भूमि के लिए 160 हेक्टेयर में लगे चिन्हित पेड़ों को काटा जा रहा है। इसमें झाडिय़ों को भी हटाया जा रहा है। इसके अलावा जमीन को समतल किया जाना है। हालांकि इस काम को पूरा होने में समय लगेगा।

इनका कहना है

नवीन बसाहट के लिए नियमानुसार पेड़ काटे जा रहे हैं। अधिकांश पेड़ तो आकार में काफी छोटे हैं। विस्थापन के लिए पहले कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद ही आगे कार्रवाई होगी।

रजनीश कुमार सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व

शासन के आदेश के तहत विस्थापन की कार्रवाई होना है। विस्थापन के लिए पेड़ काटा जाना जरूरी है, ताकि वहां पर मूलभूत सुविधाएं और कृषि जमीन उपलब्ध हो सके।

एसएस उद्दे, सीसीएफ, सिवनी

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