सिवनी: रिहायशी इलाके में मिली पटाखा दुकान और माचिस गोदाम,हरदा घटना को लेकर हरकत में आया प्रशासन,जांच की तो मिली खामियां
- रिहायशी इलाके में मिली पटाखा दुकान और माचिस गोदाम
- हरदा घटना को लेकर हरकत में आया प्रशासन,जांच की तो मिली खामियां
डिजिटल डेस्क, सिवनी। हरदा जिले में हुई घटना को लेकर जिला प्रशासन हरकत में आया है। बुधवार को राजस्व और पुलिस बल की मौजूदगी में अलग-अलग क्षेत्रों में पटाखा दुकानों व विस्फोटक सामाग्री के गोदामों की जांच की गई। शहर में स्थाई और थोक पटाखा लायसेंसी के दुकान और एक माचिस के गोदाम में खामियां मिली। दुकान रिहायशी इलाके में संचालित मिली तो वहां पर सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया था। स्थिति यह थी कि सडक़ किनारे पटाखों की दुकान सजाकर बेचा जा रहा था। दुकानदार को नोटिस देकर दुकान दूर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं माचिस गोदाम तो बिना फायर एनओसी के चल रहा था जिसे सील करने के आदेश जारी किए हैं। बुधवारी बाजार के पास लोहाओली क्षेत्र में पटाखा बेचने की जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने दुकान में जांच पड़ताल की लेकिन वहां पर पटाखे नहीं मिले।
सभी क्षेत्रों में चला जांच अभियान
सिवनी के अलावा अन्य तहसील मुख्यालयों व मुख्य बाजार क्षेत्रों में जांच टीम पहुंची। लखनादौन में डिटोनेटर के दो लायसेंसियों के गोदामों की जांच की गई। हालांकि यहां पर कोई गड़बड़ी नहीं मिली। हालांकि जहां पर गोदाम थे। वहां पर घास और झाडिय़ां मिली जिसे तत्काल साफ करने के निर्देश दिए गए। केवलारी, घंसौर, कुरई और बरघाट में संभावित पटाखा बिक्री वाली दुकानों का निरीक्षण किया गया। दुकानदारों को समझाइश दी गई कि वे पटाखा बिक्री सुरक्षा मानकों और नियमों के अनुसार काम करें। जिले में मैग्जीन रखने के लिए दो और एक को फटाखा बिक्री के लिए स्थाई लायसेंस दिए गए हैं।
घटना के बाद पटाखे हटाए गए
जानकारी के अनुसार हरदा की घटना को लेकर पटाखा बेचने वाले प्रशासनिक कार्रवाई के अंदेशे को लेकर पहले ही सतर्क हो गए थे। बताया जा रहा है कि कई दुकानदारों ने पटाखे छिपाकर रख दिए। जब टीम जांच के लिए पहुंची तो कुछ भी नहीं मिला। जबकि दिवाली के दौरान कई लोगों को अस्थाई लायसेंस जारी किए गए थे। दुकान लगाने के बाद बचे हुए पटाखों को अपने घरों और दुकानों में रख दिए थे। वैवाहिक सीजन और अन्य आयोजन को लेकर वे पटाखे बेचते आ रहे हैं।
पूर्व की घटनाओं के बाद भी नहीं लिया सबक
हरदा जिले के पहले पेटलावाद में हुई घटना को लेकर प्रशासन पटाखा बिक्री को लेकर गंभीरता नहीं दिखाता आया है। जबकि सिवनी के टिग्गा मोहल्ला में करीब दस साल पहले अवैध रूप से पटाखा बनाने के दौरान हुए विस्फोट में एक व्यक्ति के चिथड़े उड़ गए थे तो वहीं एक महिला घायल हो गई थी। घर मलबे में तब्दील हो गया था। इसके बाद भी कोई सख्ती नहीं दिखाई गई थी। कार्रवाई के नाम पर खानपूर्ति की गई थी। दिवाली के समय पटाखा दुकानें भी रिहायशी इलाकों में चलाने का काम किया गया। हालांकि अब तो दुकानें कुछ सालों से दूसरी जगह पर लगाई जा रही है।
वे क्षेत्र जहां पर खतरोंं की भरमार
-कटंगी रोड में तो अवैध रूप से कोयले के लिए भट्टे संचालित हैं। कई लोग लकड़ी जलाकर कोयला तैयार कर रहे हैं।
-जिन लोगों ने दिवाली के समय फुटकर दुकान लगाई थी उनके यहां बचे हुए फटाखों को रखे गए ठिकाने
- कबाड़ की दुकानें शहर के अलावा बायपास में बिना सुरक्षा के संचालित हैं। जिन पर कार्रवाई नहीं हो रही।
- जूते चप्पलों की दुकानों के गोदाम बिना सुरक्षा के चल रहे हैं। यहां तक की दुकानों में सुरक्षा के संसाधन नहीं है।
-गैस सिलेंडर के गोदाम भी रिहायशी इलाकों में हैं। उनका वितरण भी चौक चौराहों में खुलेआम में किया जाता है।
लकड़ी के टाल भी ऐसे क्षेत्रों में चल रहे हैं जहां पर आबादी क्षेत्र है। इस पर भी न तो जांच होती और न ही कार्रवाई
फायर एनओसी को लेकर खानापूर्ति
शासन ने फायर एनओसी जरूरी किया है लेकिन अफसर इस आदेश को लेकर खानापूर्ति कर रहे हैं। दुकानों से लेकर होटल और अन्य संस्थानों में में फायर सेफ्टी होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। नगर पालिका ने भी आधा सैंकड़ा से अधिक दुकानदारों और संस्थानों को नोटिस जारी कर फायर सेफ्टी करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक की नगर पालिका जांच तक नहीं कर रही है। यही हाल सभी निकायों में हैं।
इनका कहना है
हरदा में हुई घटना को लेकर सभी जगह जांच की जा रही है। एक पटाखा दुकान और माचिस गोदाम में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया था। दुकान को शिफ्ट करने नोटिस दिया गया है और गोदाम सील करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस स्तर भी जांच चल रही है।
क्षितिज सिंघल, कलेक्टर, सिवनी