Pune News: इमरजेंसी कॉल बॉक्स से टेकड़ियों पर रूकेंगे अपराध!, बटन दबाने से पुलिस थाने पर पहुंचेगी जानकारी

  • अहमदाबाद मॉडल पर बनाई योजना
  • एक बटन दबाने से पुलिस थाने पर पहुंचेगी जानकारी
  • राज्य सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 15:44 GMT

Pune News : शहर की विभिन्न टेकड़ियां पुणेवासियों के लिए सैर-सपाटे और शांति का स्थान मानी जाती है, लेकिन हाल के वर्षों में यहां चोरी, छेड़छाड़, गैंग रेप और अन्य असामाजिक गतिविधियों की घटनाएं बढ़ती जा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए पुणे पुलिस ने अब अहमदाबाद पुलिस के इमरजेंसी कॉल बॉक्स मॉडल को अपनाने की तैयारी की है। इसमें एक बटन (स्वीच) दबाने से पुलिस की सहायता मिलेगी। इसे हर पुलिस थाने से जोड़ा जाएगा। अहमदाबाद पुलिस ने इस मॉडल को क्राइम कंट्रोल के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर लागू किया है। अब तक मिली प्रतिक्रिया के अनुसार, यह प्रणाली अपराध को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में काफी प्रभावी साबित हुई है। पुणे पुलिस इस मॉडल को अपने शहर में लागू कर इसे एक सफल सुरक्षा उपाय बनाना चाहती है। शहर की खूबसूरत टेकड़ियां, जो सैर-सपाटे और फिटनेस प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, अब और भी सुरक्षित बनने जा रही हैं। अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुणे पुलिस ने 13 से 15 प्रमुख टेकड़ियों पर इमरजेंसी कॉल सर्विस शुरू करने की योजना बनाई है। इस सेवा के तहत टेकड़ियों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे, जो सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे।

पुलिस ने टेकड़ियों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 200 फ्लैश लाइट लगाने की सिफारिश की गई है। वेताल टेकड़ी, बोपदेव घाट टेकड़ी और अन्य प्रमुख टेकड़ियां इस योजना में शामिल है। इन इलाकों में रात में भी सुरक्षा के लिए फ्लैश लाइट्स लगाई जाएंगी। पुणे पुलिस ने 13 से 15 टेकड़ियों का सर्वेक्षण किया है। इन इलाकों को अपराध की घटनाओं और सुरक्षा चुनौतियों के आधार पर चुना गया है। वेताल टेकड़ी और बोपदेव घाट टेकड़ी जैसे स्थान, जहां अक्सर असामाजिक गतिविधियां सामने आती हैं, को प्राथमिकता दी गई है।

क्या है 'इमरजेंसी कॉल बॉक्स'?

इमरजेंसी कॉल बॉक्स एक अत्याधुनिक प्रणाली है। यह उपकरण किसी भी आपात स्थिति में सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ता है। इसमें एक बटन दबाने पर सहायता मिलती है और जीपीएस ट्रैकिंग के जरिए घटना स्थल का पता लगाना आसान हो जाता है। पुणे की टेकड़ियां सैर-सपाटे के लिए लोकप्रिय है लेकिन यहां आए दिन होने वाले अपराधों ने इसे असुरक्षित बना दिया है। पुलिस विभाग का मानना है कि इमरजेंसी कॉल बॉक्स की मदद से इन इलाकों में निगरानी बढ़ाई जा सकती है और किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को तेजी से सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है।

ऐसे काम करेगा सिस्टम?

- टेकड़ियों और संवेदनशील स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे।

- यह बॉक्स 24/7 पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा।

- कॉल करते ही पुलिस को स्थान की सटीक जानकारी मिल जाएगी।

- आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी इस सिस्टम से जोड़ा जाएगा।

पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम इमरजेंसी कॉल बॉक्स मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता टेकड़ियों और अन्य सैरगाहों को सुरक्षित बनाना है। जल्द ही इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।"

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