पांचवा चातुर्मास कलश स्थापना एवं गुरु पूर्णिमा उत्सव श्रेयांशगिरी में धूमधाम से आयोजित
डिजिटल डेस्क, पवई नि.प्र.। परम पूज्य गणाचार्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज ससंघ 30 पिच्छी का पावन वर्षा योग 2023 चातुर्मास कलश स्थापना एवं गुरु पूर्णिमा उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ०3 जुलाई 2023 सोमवार को श्रेयांशगिरी में धूमधाम के साथ मनाया गया। जैन धर्म के अनुसार गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है सभी प्राणियों की आत्मा के लिए मंगलकारी आशीर्वाद बचन में आचार्य श्री विराग सागर महाराज जी ने बताया कि अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी से गौतम गणधर उनके शिष्य आज ही के दिन भगवान महावीर स्वामी जैसे गुरु से मिले थे इसीलिए इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से गुरु के चरणों में भक्ति भाव और पूर्ण समर्पण के साथ पूजा अर्चना करते हैं। गुरु पूर्णिमा के इस पर्व पर पूरे देश से आए हुए श्रद्धालुजनों को आशीर्वाद वचन में गुरु महिमा अतिशय तीर्थ क्षेत्र श्रेयांशगिरी एवं चातुर्मास की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि हम सभी का परम सौभाग्य है कि श्रेयांश गिरी के बड़े बाबा चमत्कारी आदिनाथ भगवान के चरणों एवं उनके सानिध्य में गुरु पूर्णिमा उत्सव मना रहे हैं।
यहां पर विराजमान आदिनाथ भगवान बड़े बाबा की 1600-1700 वर्ष पुरानी स्थापित पूज्य प्रतिमा है। महाराज जी ने कहा कि यहां पर हमें पांचवा चातुर्मास करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। काफी सालों से पन्ना और सतना जिला के समस्त जैन समाज का आग्रह था कि श्रेयांश गिरी में चातुर्मास किया जाये। 10 वर्षों के बाद अब यहां चातुर्मास कलश स्थापना का अवसर आया। जिसमें मंगल कलश लेने का अवसर सतना निवासी पाण्डेय परिवार गोरखपुर वालों को, द्वितीय कलश अनुज जैन जयपुर, तृतीय कलश राहुल जैन अहिंसा परिवार करहल वालों को प्राप्त हुआ। आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज एवं समस्त संघ के दर्शनों एवं उनका सानिध्य पाने भारत देश के विभिन्न प्रांतों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुजन प्रतिदिन अतिशय तीर्थ क्षेत्र श्रेयांश गिरी आ रहे हैं। पन्ना एवं सतना जिल के जैन समाज के नवयुवक भी प्रतिदिन संतों की सेवा करने आते हैं। इस कार्यक्रम में सलेहा जैन समाज नवयुवक मंडल और महिला मंडल का विशेष सहयोग रहा।