चहेतों को उपकृत करने सीएम आवास हेतु बना दिए आदिवासियों की जमीन के पट्टे
डिजिटल डेस्क, मोहन्द्रा नि.प्र.। प्रदेश में आदिवासियों के ऊपर हो रहे अन्याय और उत्पीडऩ की खबरें कम नहीं हो रही हैं। सीधी जिले में भाजपा नेता द्वारा आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब कर देने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मोहन्द्रा के जिम्मेदारों ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों से सांठगांठ कर आदिवासियों की जमीन के पट्टे मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत गुपचुप बना दिये गये। जानकारी के अनुसार कस्बे की संजय नगर कॉलोनी में मुख्य सडक़ किनारे रहने वाले पिट्टा आदिवासी करीब 50 से 60 साल पूर्व अपने पिता के समय से ही एक जमीन में काबिज हैं। पिट्टा आदिवासी ने इस समाचार पत्र को बताया कि हम लोग यहां उस समय से रह रहे हैं जब बस्ती के लोग यहां आने से डरते थे। यहां रेतीली पथरीली जगह थीं जंगल था जिसे हमने अपने खून-पसीने से सींच कर खेती करने लायक बनाया। कुछ साल पूर्व यहां से सडक़ निकली तो यह जमीन करोड़ों रुपए मूल्य की हो गई।
बस्ती का विस्तार हुआ तो यहां भी आवासीय मकान बनने लगे कुछ समय पूर्व राज्य सरकार ने भूमिहीन व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान व पट्टे देने की योजना निकाली तो ग्राम पंचायत ने राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से सांठगांठ कर करीब 2400 वर्ग फिट जमीन अपने रिश्तेदारों परिचितों को देने चुपचाप पट्टे बना डाले। पीडित पिट्टा आदिवासी को इसकी भनक दो-तीन दिन पूर्व लगी तो वह तहसीलदार सिमरिया के पास गया पर वहां निराशा ही हाथ लगी। एक तरफ नियम है कि वर्ष 2005 के पहले से काबिज किसी भी आदिवासी को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आदिवासियों को जमीन से ना हटाने और पट्टे देने की बात समय-समय पर कहते रहते हैं। बावजूद यहां जीवन के 60 वर्ष व्यतीत कर चुके पिट्टा आदिवासी की जमीन मनमानी पूर्वक पटवारी व पंचायत के द्वारा छीनी जा रही है।
इनका कहना है
आदिवासी वनवासी दलित महासंघ बुंदेलखंड में आदिवासियों को पट्टे दिलाने के लिए निरंतर संघर्षरत है। यदि 10 दिनों के अंदर इस मामले का निराकरण नहीं होता है तो हमें मजबूरन प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा।
राजा पटैरिया
पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन व संरक्षक आदिवासी वनवासी दलित महासंघ