स्कूल बसों में नहीं है परिचालक, बच्चे संभालते है दरवाजा खोलने और बंद करने की जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, देवेन्द्रनगर नि.प्र.। स्कूल बसों, वाहनों के संचालकों को लेकर शासन द्वारा बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से गाइड लाइन जारी करते हुए निर्देशों का कडाई से पालन किए जाने के निर्देश जारी किए गए है। जिसमें वाहनो की फिटनेस की नियमित जांच सुरक्षा से संबधित जरूरी उपकरणों एवं मानकों की पूर्ति किया जाना चालकों-परिचालकों के लिए निर्धारित ड्रेस में नेम प्लेट के साथ होना जैसी अनिर्वायता है परंतु शासन की गाइड लाइन की अनदेखी कर निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए लगे बसों वाहनों में नियमों की अनदेखी की जा रही है। देवेन्द्रनगर में तो निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए संचालित बसों में बडी लापरवाही देखने को मिल रही है।
संचालित ज्यादतर स्कूल वाहनों में परिचालक नहीं है और ऐसी स्थिति में बसों वाहनो के रूकने पर दरवाजा खोलने बंद करने बच्चो को नीचे उतरने अथवा चढऩे के दौरान परिचालको का जो कार्य होता है उसकी जिम्मेदारी बच्चे ही संभालते देखे जा सकते है। जो कि सुरक्षा की दृष्टि से बच्चो के लिए खतरनाक साबित हो सकता है देवेन्द्रनगर कस्बा हाइवे मार्ग में स्थिति है और इस मार्ग में पूरे समय तक बडे-छोटे वाहनो की व्यस्तम आवाजाही बनी रहती है ऐसी स्थिति में जब बच्चे कंडक्टर का काम जो होता है वह कार्य करते है तो दुर्घटना की स्थितियां और अधिक बढ़ जाती है। स्कूली बसो के संचालन में बच्चों द्वारा कंडेक्टर की जिम्मेदारी संभाले जाने की तस्वीरे भी सामने आ चुकी है परंतु जिम्मेदारों द्वारा सुरक्षा को लेकर बडी जिम्मेदारी पर लापरवाही बरती जा रही है।
प्रशासन करे सख्ती, तभी सुधरेंगे हालात
स्कूलों के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाना कोई नई बात नहीं है। प्रशासन को इस मामले में सख्ती करनी चाहिए लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं नजर आ रहा है। अभिभावक इस डर से कुछ नहीं बोलते क्योंकि उन्हें लगता है कि कहीं इससे उनके बच्चे की शिक्षा पर कोई असर न पड़े। कुछ अभिभावकों ने आवाज भी उठाई जो उनको अनसुना कर दिया जाता है।
यातायात कर्मी नहीं करते कार्रवाई
हाईवे पर दिन भर यातायात विभाग के कर्मी नियमों का पालन न करने वाले दोपहिया वाहन चालकों पर कार्रवाई करते तो दिखते हैंए लेकिन बिना कंडक्टर के स्कूल बसें उनके सामने से गुजर जाती हैं और उनको नजर नहीं आता है। यही वजह है कि कभी इन स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई होते नहीं दिखी।
इनका कहना है
यह बात सही है और वीडियो भी सामने आए हैं जो कि बच्चों के साथ स्कूल संचालकों द्वारा घोर लापरवाही की जा रही है जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया तो मेने तत्काल पन्ना आरटीओ से फोन पर बात कि जिस पर पन्ना आरटीओ ने आश्वासन दिया है कि मैं जांच करवा रहा हूं।
शिवदयाल बागरी
गुनौर विधायक