पन्ना: खाद्य पदार्थ में मिलावट पर सख्ती से कार्यवाही करें: कमिश्नर डॉ. रावत
- खाद्य पदार्थ में मिलावट पर सख्ती से कार्यवाही करें: कमिश्नर डॉ. रावत
- खाद्य सुरक्षा की संभागीय समीक्षा बैठक संपन्न
डिजिटल डेस्क, पन्ना। खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने संभाग के समस्त कलेक्टर्स, स्वास्थ्य विभाग एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देकर कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावटों को रोकने की दिशा में सख्ती से कार्यवाही करें और यदि इसके बाद भी शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस दौरान अमानक खाद्य, मिथ्याछाप खाद्य पदार्थ और असुरक्षित खाद्य पदार्थों पर कार्यवाही करते हुये उनके प्रतिष्ठानों पर जांच अभियान शुरू करें और जहां गडबडी मिलती है वहां खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम अंतर्गत तत्काल कार्यवाही करें। उक्त निर्देश के परिपालन में संभागीय कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने संभाग के सभी कलेक्टर्स से कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान में खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरूद्ध निरंतर कार्यवाही करें। विशेष रूप से नकली दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों जैसे मावा, पनीर, दही, घी आदि के निर्माताओं, मिलावटखोरों व कारोबारियों पर सख्ती से कार्यवाही करें। इसके लिये विशेष निगरानी दल गठित करें जिसमें खाद्य सुरक्षा विभाग, दुग्ध संघ, पुलिस, नापतौल, खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी रहें। निगरानी दल मिलावटी खाद्य पदार्थ निर्माण, विक्रय, परिवहन करने वाले खाद्य कारोबारियों के विरूद्ध आकस्मिक निरीक्षण कर कार्यवाही करें। संभाग कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए कि इसमें अर्थदण्ड देने का प्रावधान है जिसकी वसूली करना सुनिश्चित करें।
ईट राइट और मिलेट सेवन पर और कार्यक्रम करें साथ में विद्यालयों में वितरित होने वाले मध्यान्ह भोजन की भी समय-समय पर जांच करें और लगने वाले मेलों में भी जांच की व्यवस्था की जाए। संभागायुक्त डॉ. रावत ने निर्देश दिए की सभी कलेक्टर प्रत्येक तीन माह में खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा करें एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक कार्रवाई कर प्रत्येक माह प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर का यह दायित्व है कि वे अपने जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जानकारी का डाटा संकलित करें और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित करें। खाद्य पदार्थों की चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में प्रारंभिक जांच की जाये तथा मौके पर मिलावट पाये जाने पर जप्ती कर एफआईआर दर्ज करें। साथ ही उनके लायसेंस की जांच की जाये। उन्होंने जोर देकर कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट मानव स्वास्थ्य के लिये घातक है। अत: लोक स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुये इस दिशा में प्राथमिकता से कार्य करें। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी व्हीसी कक्ष में कलेक्टर हरजिंदर सिंह, अपर कलेक्टर नीलाम्बर मिश्र एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।