पन्ना: तानब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी देने में आरईएस विभाग कर रहा आनाकानी
- तानब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी देने में आरईएस विभाग कर रहा आनाकानी
- ८१ लाख ५३ हजार रूपए की लागत से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा लावापुर कल्दा में किया गया था तालाब निर्माण
डिजिटल डेस्क, पन्ना। एनआरजीएस मद से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के द्वज्ञक्रा पवई तहसील के लावापुर कल्दा में ८१ लाख ५३ हजार की लागत से वर्ष २०२२-२३ में तालाब निर्माण कराया गया था जिसमें व्यापक पैमाने पर गडबडी व भ्रष्टाचार किये जाने की खबर सामने आने के बाद सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लिये जाने के लिये सिमरिया तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम पलोही निवासी सुरेन्द्र सिंह परिहार ने १७ जनवरी २०२४ को कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग पन्ना के कार्यालय में आवेदन पत्र लगाकर नवीन मॉडल तालाब लावापुर कल्दा की समस्त जानकारी, स्टीमेट एवं स्ट्रक्चर ड्राइंग, तालाब में उपयोग किये गए मस्टर रोल ग्रामवार एवं बैंक से आहरित राशि की छायाप्रति, मटेरियल पर व्यय की गई राशि के बिल बाउचरों की जानकारी, बिल किस वेंडर के लगाये गये। बिल और वेंडर की सत्य प्रतिलिपि परिवहन पर व्यय की राशि की जानकारी विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई तो उनके द्वारा १६ फरवरी २०२४ को प्रथम अपीलीय अधिकारी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के यहां पर अपील कर दी जिनके द्वारा पत्र क्रमांक ४७९ दिनांक २० फरवरी २०२४ को आवेदक सुरेन्द्र सिंह परिहार को पत्र जारी कर उसमें उल्लेख किया गया कि आवेदन पत्र के माध्यम से सूचना के अधिकार अधिनियम २००५ की धारा १९ की उपधारा १ के अंतर्गत अपील आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसकी सुनवाई दिनांक १ मार्च २०२४ को होना सुनिश्चित हुई है। पत्र के द्वारा आवेदक को उपस्थित होने के लिए कहा गया जिससे आवेदन का निराकरण किया जा सके। आवेदक सुरेन्द्र सिंह परिहार ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह आज कार्यालय पहुंचे तो विभाग द्वारा जानकारी नहीं दी जा रही है। अपील होने के बाद भी राशि जमा करने के लिए बोला गया जो नियम विरूद्ध है।
अपील के बाद राशि जमा करने दिया पत्र
१ मार्च २०२४ को प्रथम अपीलीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पन्ना द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि उत्तरार्थी द्वारा लेख किया गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम संशोधन २०१२ की धारा ७ की उपधारा (९) के अंतर्गत आप कार्यालय में १४ फरवरी २०२४ को उपस्थित होकर चाही गई वांछित जानकारी का अवलोकन करते हुए ५० पृष्ठों तक संक्षिप्त करने का कष्ट करें जिससे अग्रिम कार्यवाही की जा सके। पत्र में आगे उल्लेख किया कि अपीलार्थी एवं उत्तरार्थी आज दिनांक १ मार्च को समक्ष में उपस्थित हुए समक्ष में चर्चा अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी के कुल पृष्ठ ६९४ है जिसमें से ५० पृष्ठों को छोडकर शेष जानकारी दिये जाने हेतु २ रूपए प्रति पृष्ठ के हिसाब से शेष पृष्ठों की राशि चालान के माध्यम से जमा कराते हुए चालान की एक प्रति कार्यालय में प्रस्तुत करें। राशि जमा होने के पश्चात चाही गई जानकारी १० दिवस में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
मजदूरों को पता नहीं भर गए फर्जी जॉबकार्ड
आवेदनकर्ता सुरेन्द्र सिंह परिहार ने बतलाया कि कल्दा से सिमरिया की दूरी ८० से ९० किलोमीटर की है। पवई विकासखण्ड के जिन मजदूरों के मस्टर लगे हैं उसमें व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर उनकी राशि डकार ली गई है यदि उन मजदूरों से पूंछ लिया जाये तो उनको स्वयं पता नहीं है कि उनके नाम पर मस्टर बन गये। श्री सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन मजदूरों को रोजगार गारंटी के १०० दिन की गारंटी काम की है उनको मजदूरी का हिस्सा अधिकारी डकार रहे हैं जिसके कारण हमें जानकारी देने में आनाकानी की जा रही है।
इनका कहना है
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देने में विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की आनाकानी नहीं की जा रही है। आवेदक को कागज संक्षेप करने के लिए पत्र लिखा गया है वह अपील नहीं है। जो जानकारी जिसको चाहिए वह निर्धारित शुल्क जमा करके ली जा सकती है। मैं तो कहता हूं कि हमारे कार्यालय के जो कागजात है उनकेा जो नियम में देने लायक हैं वह सभी देने के लिए तैयार हैं उससे तो शासन को ही फायदा है कि ज्यादा से ज्यादा राशि सरकार के कोष में जमा होगी।
बी.डी. कोरी
कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग पन्ना