धूमधाम से संपन्न हुई गुरु पूर्णिमा एवं चातुर्मास कलश स्थापना
डिजिटल डेस्क, सलेहा नि.प्र.। पन्ना जिले का सबसे प्राचीन अतिशय तीर्थ क्षेत्र श्रेयांश गिरी में समस्त अंचलवासियों के स्नेह से परम पूज्य राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज सहित महामुनिराज ससंघ तीस पिच्छी का वर्षायोग संपन्न होने जा रहा है। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर भव्य रुप से चतुर्मास मंगल कलश स्थापना का कार्य संपन्न हुआ। इस दौरान आचार्य श्री द्वारा कहा गया कि जैन धर्मानुसार गुरु पूर्णिमा का काफी महत्व है अंतिम तीर्थेश भगवान महावीर ने आज के दिन ही उनके प्रथम गणधर शिष्य गौतम स्वामी मिले थे और गौतम स्वामी को महावीर भगवान जैसे सतगुरु मिले। इसी कारण इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
इस कार्यक्रम में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को गुरु पूर्णिमा अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरी तथा चतुर्मास की महिमा बताते हुए कहा कि यह तीर्थ बड़े बाबा श्री आदिनाथ तथा महावीर स्वामी के चरण सानिध्य में मना रहे हैं। यहां पर विराजमान बड़े बाबा की प्रतिमा लगभग 16०० से 18०० वर्ष प्राचीन है बल्कि कुंडलपुर के बड़े बाबा से लगभग 800 वर्ष प्राचीन हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम यहां पर इतनी प्राचीन प्रतिमा के दर्शन कर पा रहे हैं और यहां पर हमें पांचवा चतुर्मास करने का अवसर प्राप्त हुआ। यहां पूर्व में वर्ष 2014 के बाद 2023 में चतुर्मास हो रहा है। इस अवसर पर पन्ना जिला सहित सतना, कटनी, दमोह, छतरपुर, दिल्ली, जयपुर एवं राजस्थान के श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हुए।