धर्म कार्य में देना अच्छा है लेकिन लेना अच्छी बात नही है: विराग सागर जी महाराज
डिजिटल डेस्क, सलेहा नि.प्र.। पन्ना जिले में स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थली श्रेयांश गिरी में ३० साधुओ के साथ चातुर्मास कर रहे राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री १०८ विराग सागर जी महाराज द्वारा रविवार को आयोजित विशेष धर्मसभा के प्रवचनों की श्रंृखला में पहँुचे भक्तगणो को धर्म मार्ग पथ के मरमतत्व का ज्ञान प्रदान करते हुए आशीष वचन दिए गए। अपने प्रवचनों में बताया कि भगवान के चरणों में समर्पित किया दान ठीक उसी प्रकार फलीभूत होता है जिस प्रकार उपजाऊ जमीन में बोया गया छोटा सा बीज समय आने पर वटवृक्ष के समान विशाल हो जाता है। दान की महिमा है कि जो शक्ति अनुसार दान देकर मंदिर निर्माण, धर्मशाला निर्माण प्रतिमा निर्माण, साधुओं को औषधियों आहार आवास आदि का दान अथवा तीर्थ वंदना आदि करता कराता है वह दान भले ही थोड़ा करें किंतु वह पुण्यो दयानुसार इतनी अधिक मात्रा में प्राप्त होता है कि वह दान करता स्वयं आश्चर्य चकित हो जाता है। धर्म कार्यों में देना अच्छी बात है किंतु लेना कदापि अच्छी बात नहीं है हमारे शास्त्रों में अनेक ऐसे उदाहरण हैं कि जब श्री कृष्ण के दादा पूर्व पर्याय में थे तब उन्होंने देव द्रव्य अर्थात धर्म कार्य में किसी ने दान किया और उन्होंने उस दान के रूपए को अपने लिए उपयोग कर लिया था किंतु ऐसे पाप का फल उन्हें बहुत बुरा मिला उन्हें सातवें नरक में जाकर असहनीय दुखों को सहन करना पड़ा। इसके अलावा और भी शास्त्रों में उल्लेख है कि देव द्रव्य का हरण करने वाला दरिद्र, अपंग, कुटुंब आदि का विद्रोह चांडालादि कुजाति मैं जन्म लेता है।
जिन्हें आज दुख प्राप्त हो रहा है उनके दुख कारण ऐसे ही पाप कर्म है। राजस्थान के मालपुरा नगर निवासी भवरलाल अशोक जैन ने हमारे संघ की सम्मेद शिखर जी की यात्रा कराई और उसमें एक- दो साधु नहीं बल्कि 90 साधुओं की 2700 किलोमीटर की पैदल यात्रा कराई उस यात्रा में डेढ़ से दो करोड़ रुपए खर्च हुए किंतु उनके दान का ऐसा प्रभाव पड़ा कि 4 माह में ही उन्हें 3 करोड़ से ज्यादा का लाभ हुआ उन्होंने यह बात स्वयं आकर हमें सुनाई और प्रसन्नता पूर्वक कहा कि और पुन: निवेदन किया की महाराज स्वीकृति प्रदान कीजिए अब हम आपकी गोमटेश बाहुबली कर्नाटक की यात्रा कराएंगे।
पवई नगर गौरव श्रमणी आर्यिका मनाया गया २८वां अवतरण दिवस
आयोजित धर्मसभा में विजिज्ञासा पवई नगर गौरव श्रमणी आर्यिका माता जी का २८वां अवतरण दिवस मनाया गया जिसमें सम्पूर्ण पवई दिगंबर जैन समाज ने पूज्य गुरुवर की महा पूजन कर पुण्यार्जन किया तथा पवन जैन पवई ने गुरुवर के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
२३ अगस्त को मनाई जायेगी मोक्ष सप्तमी
आज रविवारीय धर्मसभा मेें पहुंचे श्रद्धालुओ ने महाराज श्री के मुख से दान की महिमा का महत्व समझा। महाराज श्री ने भक्तो को धर्म कार्य में कभी हिचकिचाना नही चाहिए इसके लिए प्रेरित किया गया। चातुरर्मास पर श्रीयांश गिरी से पहँुचे मुनिराज के सानिध्य में आगामी २३ अगस्त को मोक्ष सप्तमी के श्रेयांश गिरी में धूमधाम से आयोजन किए जाने की जानकारी दी गई।