ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन करने पर हुआ कार्यशाला का आयोजन जिले में पहले चरण में 44 ग्राम पंचायतों में होगा कार्ययोजना का क्रियान्वयन

ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन करने पर हुआ कार्यशाला का आयोजन जिले में पहले चरण में 44 ग्राम पंचायतों में होगा कार्ययोजना का क्रियान्वयन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-03 09:38 GMT
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डिजिटल डेस्क, नरसिंहपुर। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य किये जायेंगे। पहले चरण में 3 हजार से अधिक जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों में निर्धारित मापदंडों के तहत कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजी जायेगी। इस संबंध में कलेक्टर श्री वेद प्रकाश ने जिले की 44 ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना की समीक्षा जिला पंचायत के सभाकक्ष में बुधवार को की। समीक्षा के दौरान प्रथम चरण की 3 हजार से अधिक आबादी वाली जिले की 44 ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव/ जीआरएस, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री मौजूद थे। कलेक्टर ने ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कार्ययोजना के बारे में ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की और समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिये। इस कार्ययोजना के अनुसार विभिन्न कार्य स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, 15 वें वित्त के अनुदान से पूर्ण किये जायेंगे। जनपद स्तर पर सूखा कचरा प्रबंधन के लिए इकाई स्थापित की जायेगी। गीले कचरे के लिए खाद बनाने की इकाईयां स्थापित की जायेंगी। कलेक्टर श्री वेद प्रकाश ने कचरा एकत्रिकरण, कचरा को अलग- अलग करने/ सेग्रीगेशन (सूखे व गीले कचरे को अलग- अलग करने) और उसके व्यवस्थित निष्पादन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गांव को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया जावे। इस कार्य में ग्रामवासियों की सक्रिय सहभागिता हो। सभी मिलजुलकर स्वच्छता के लिए कार्य करें। स्वच्छता घर और बाहर दोनों जगह जरूरी है। सफाई सब जगह रहना चाहिये। परिवेश की सम्पन्नता स्वच्छता से ही आयेगी। इस बारे में जागरूकता बढ़ाई जावे और माहौल तैयार किया जावे। ठोस एवं तरल अपशिष्ट का आदर्श प्रबंधन हो। इसके लिए अभियान चलायें और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें। प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें। उल्लेखनीय है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्ययोजना का उद्देश्य लोकसहभागिता से गांव की वर्तमान ठोस अपशिष्ट एवं जल प्रबंधन संबंधी समस्याओं के प्रबंधन का आकलन करना। घरेलू व सामुदायिक स्तर पर ठोस अपशिष्ट एवं जल प्रबंधन संबंधी समस्याओं का चिन्हांकन कर प्रभावी प्रबंधन के लिए योग्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं का निर्माण करना। प्रस्तावित उपायों का क्रियान्वयन कंवर्जेंस तथा स्वच्छ भारत मिशन की सहायता से करने के लिए कार्ययोजना बनाना है। इसके लिए वर्ष 2020- 21 में प्रथम चरण में 3 हजार से ऊपर की आबादी के ग्राम, द्वितीय चरण में 3 हजार से एक हजार की आबादी के बीच के ग्राम और तीसरे चरण में एक हजार से कम आबादी के ग्राम कार्ययोजना में शामिल किये जायेंगे। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री केके भार्गव, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन श्री राजेश तिवारी, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा श्री मालवीय, परियोजना अधिकारी मनरेगा श्रीमती रितु तिवारी, सहायक यंत्री और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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