रेत घोटाले की जांच करने पहुंचा 5 सदस्यीय दल, डीएमओ कार्यालय से नदारद
भोपाल व जबलपुर से आई टीमों ने की दस्तावेजों की पड़ताल रेत घोटाले की जांच करने पहुंचा 5 सदस्यीय दल, डीएमओ कार्यालय से नदारद
डिजिटल डेस्क,नरसिंहपुर। महीने भर बाद पांच सदस्यीय दल जिले में हुए दस करोड़ रुपए के कथित रेत घोटाले की जांच करने मंगलवार दोपहर 12 बजे खनिज विभाग के दफ्तर पहुंचा। संयोग कहें या कुछ और कि भोपाल व जबलपुर से आई टीमों को जिला खनिज अधिकारी ओपी बघेल कार्यालय से नदारद मिले। कहां गए किसी के पास पुख्ता सूचना नहीं थी। शिकायतकर्ता रमाकांत कौरव को उन्होंने सीहोर में होना बताया तो पत्रकारों से श्री बघेल ने मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर मेें होने की बात कही। श्री बघेल को जांच दल के आने की सूचना पहले से दी जा चुकी थी।
देर रात तक टीम दस्तावेजों की पड़ताल में जुटी रही। दल के सदस्यों ने बताया कि हम सभी लोग दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद अपना-अपना मत एक-दूसरे को देंगे। मतैक्य होने के बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। माना जा रहा है कि दल द्वारा दो सप्ताह में प्र्रमुख सचिव को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
दस्तावेज देख दल, भी रह गया चकित
खनिज विभाग के दफ्तर में पहुंचते ही दल के सदस्यों ने खनिज मंत्रालय से प्राप्त बिंदुओं पर जांच की। इनमें शिकायत के अनुसार एक डंपर में एक ट्रिप की रायल्टी पर 11,502 घनमीटर से लेकर साढ़े तीन घनमीटर लोडिंग क्षमता वाली ट्रैक्टर-ट्रालियों में 60-60 घनमीटर रेत के एक ट्रिप में परिवहन से जुड़े दस्तावेज देख दल के सदस्य भी चकित रह गए। सदस्यों ने जून 2020 में जब धनलक्ष्मी मर्चेडाइज्ड प्रालि को खनन का ठेका मिला था, तब के रेत भंडारण और हस्तांतरित रेत की वस्तुस्थिति की भी जानकारी ली। जांच का केन्द्र बिन्दु जून से सितंबर 2020 के दस्तावेज रहे। पोर्टल की लाॅिगन आईडी, पासवर्ड से लेकर यह कब-कब बंद रही, इसकी भी जानकारी दल सदस्य जुटाते रहे।
बयान दर्ज, सबूत तलब
दस्तावेजों की पड़ताल के दौरान ही जांच दल के सदस्यों भोपाल संचालनालय के खनिज अधिकारी पीपी राय, खनिज निगम के राजेश शर्मा तथा आशुतोष टेंमले, जबलपुर के खनिज अधिकारी प्रदीप तिवारी और क्षेत्रीय कार्यालय के जिओलॉजिस्ट संजय धोपेश्वर अपर कलेक्टर कार्यालय के प्रतीक्षालय पहुंचे। यहां उन्होंने शिकायतकर्ता रमाकांत कौरव के कथन लेकर अवैध खनन और परिवहन से जुड़े सबूत तलब किए। श्री कौरव ने जांच दल को अनियमितता से जुड़े दस्तावेजों के साथ नदियों में प्रतिबंधात्मक काल में हुए रेत खनन के वीडियो फुटेज भी उपलब्ध कराए।
इनका कहना है
दल के सदस्यों द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण कर लिया गया है। भोपाल में खनिज निगम से भी कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, जिससे मिलान करने के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। संभवत: अगले 15 दिन में हम जांच प्रतिवेदन जमा कर देंगे। - राजेश शर्मा, भोपाल (जांच दल के सदस्य)