नसबंदी के लिए दस घंटे इंतजार करती रहीं महिलाएं , शिविर में अव्यवस्थाएं
नसबंदी के लिए दस घंटे इंतजार करती रहीं महिलाएं , शिविर में अव्यवस्थाएं
डिजिटल डेस्क दमोह, हटा। तहसील के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र हटा में महिला नसबंदी शिविर का आयोजन सप्ताह में बुधवार एवं शनिवार को कैंप लगाकर किया जाता है। इस शिविर में हटा ब्लाक की महिलाएं नसबंदी कराने अपने आवेदन जमा करती है जिसके बाद महिलाओं की जांच की जाती है। लेकिन वुधवार को आयोजित इस कैंप में भारी अव्यवस्थाएं देखी गई और इसके चलते कैंप में आई महिलाएं व उनके परिजन परेशान नजर आए। इस शिविर में कुल 118 महिलाओं के आपरेशन के लिये उनको नबंर दिये गये। दूरदराज ग्राम से सुबह 9 बजें से आयीं इन महिलाओं को अपनी नसबंदी करानें करीब दस घंटे का इंतजार सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में करना पड़ा। शाम 7 बजे डाक्टर की टीम आने पर आपरेशन शुरू किये गये। इन दस घंटे के समय में महिलाओं के साथ आये उनके परिजन एवं बच्चे दिनभर परेशान होते रहें लेकिन उनकी सुनने वाला स्वास्थ केन्द्र में कोई नहीं था। जबकि शासन के नियमानुसार स्वास्थ केन्द्रों पर 30 से 40 महिलाओ के ऑपरेशन करने का नियम है लेकिन हटा साूुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर नियमों को ताक पर रखकर 118 रजिस्ट्रेशन किये गये। इनमें पांच महिलाएं पॉजीटिव पाये जाने पर रजिस्ट्रेशन रद्द किये गये।
महिलाओं को फर्श विछाकर जमीन पर लिटाया
ओटी के बाहर निकालकर महिलाओं को एक ही जनरल वार्ड में एक साथ जमीन पर लिटा दिया गया और बाकी की महिलाओं को गैलरी में ही लिटा दिया गया। जिस दिन आपरेशन कैंप लगाया जाता है उस दिन सारी व्यवस्थाएं अस्पताल प्रबंधन करता है। लेकिन इस कैंप में व्यवस्था के नाम पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और इन व्यवस्थाओं के नाम पर भारी भरकम बिल जरूर बनाए जाएगें।
वहीं जमीन पर लिटाए जाने के स्थान पर महिलाओं को पलंग पर लिटाना जरुरी होता है लेकिन यहां महिलाओं को जमीन पर डाल दिया गया। इस शिविर में विकास खण्ड के दूरदराज ग्रामों से आयी महिला प्रीति साहू सुनीता चंद्ररानी रेखा कुम्हारीबाई यषोदा आदि ने बताया कि सुबह 9बजे से हम लोग यहां आये है लेकिन कोई भी व्यवस्था हम लोगो को नहीं दी जा रही है जिससे हम लोग काफी परेशान हो गये है। व्यवस्थाओ के नाम पर अस्पताल प्रबंधन चिल्ला-चिल्ला कर बात करते है। वहीं इन अव्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा करने पर सीबीएमओ डॉ. पीडी करगैंया सफाई देते नजर आये और कहा कि गद्दे पल्ली की व्यवस्थाएं करा दी गई है लेकिन पलंग की व्यवस्था करने पर वह गोलमाल जबाब देते नजर आये। जिससे साफ ज ाहिर होता है कि अस्पताल प्रबंधन अपने लक्ष्य को हासिल करने ग्रामीण क्षेत्रो से आयी हुई महिलाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है।