शुरू हो गया जल संकट- बंद पड़े है हैण्डपंप, नहीं ले रहा कोई सुध

शुरू हो गया जल संकट- बंद पड़े है हैण्डपंप, नहीं ले रहा कोई सुध

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-05 07:59 GMT
शुरू हो गया जल संकट- बंद पड़े है हैण्डपंप, नहीं ले रहा कोई सुध

डिजिटल डेस्क दमोह। जिले में पीएचई विभाग की लापरवाही व मनमानी के कारण ठंड के दिनों में भी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग पेयजल के लिए तरस रहे है। हैण्डपंप जंग खा रहे है और वह पानी की जगह हवा उगल रहे है। पीएचई विभाग के पास हैण्डपंप के सुधार हेतु सामग्री तो पड़ी हुई है लेकिन शिकायतों पर अमल न होने से सामग्री भी जंग खा रही है।
    जिले में ग्राम पंचायतों में जल आपूर्ति का जिम्मा पीएचई विभाग लिए हुए है और नये तथा पुराने हैण्डपंपों का सुधार कार्य भी है। विभाग द्वारा लाखों रूपए की सामग्री तो पेयजल समस्या के नाम पर बुला ली जाती है लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा है। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि नई सामग्री रखे -रखे कबाड़ हो जाती है तो उसे कबाडिय़ों को औने-पौने दामों में बेच दी जाती है और उसका लाभ विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उठाते है।
    विभाग में नई सामग्री खुले आसमान के नीचे पड़ी रहती है और बारिश के दिनों में तो लोहे की सामग्री जंग पकड़ लेती है जिससे उसकी उपयोगिता खत्म अथवा कम हो जाती है। प्रशासन द्वारा फरवरी माह से ही पेयजल के लिए व्यवस्थाएं करने के लिए कदम उठाए जाते है और जिनकी संपूर्ण तैयारी बारिश के दिनों में पूर्ण हो जाती है।
जनप्रतिनिधि, अधिकारी व ठेकेदार उठा रहे लाभ
उल्लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा गर्मी का मौसम प्रारंभ होते ही पेयजल की व्यवस्था पर ध्यान देकर कार्रवाई जाती है लेकिन शासकीय कार्य इतनी धीमी गति से होता है कि उसका लाभ लोगों को बारिश के दिनों में मिलता है, इस कारण से नागरिकों गर्मी के मौसम में कंठ तर करने के लिए परेशान होना पड़ता है। वहीं प्रशासन द्वारा पेयजल की समस्या के समाधान के लिए कराए कार्य बारिश के दिनों पूर्ण होने से भले ही लोगों को इसका लाभ तो नहीं मिल पाता है लेकिन ठेकेदारों व विभागीय कर्मचारियों की अवश्य पौबारह हो जाती है।
सड़क खोदकर बिछाई जा रही लाइन
शहर में तो नपा द्वारा तीन दिन के अंतराल से जल सप्लाई की जा रही है और लोगों को करोड़ो रूपए की योजनाओं का बार-बार जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों द्वारा मंच से उल्लेख कर झून-झूना थमाया जाता है कि शीघ्र ही नागरिकों को पेयजल की समस्या से निजात मिल जाएगी। इसके लिए नपा द्वारा पहले नागरिकों के लिए सड़के बनाई गई है और उन्हें अब पेयजल की लाइन डालने के लिए खोदकर पाइप लाइन बिछाई जा रही है और हो सकता है कि कनेक्शन होने के पूर्व ही सड़को का निर्माण करा दिया जाए और बाद में फिर उसे कनेक्शन के नाम पर सड़क को फिर खोदकर जनप्रतिनिधि और अधिकारी ठेकेदार से मिलकर लाभ उठाने में कसर नहीं उठाएंगे।
कई गांव में है जल संकट
जिले के बटियागढ़, हटा, जबेरा, तेन्दूखेड़ा, पथरिया, पटेरा जपं के अंतर्गत आने वाले अनेक गांव में लोग ठंड के मौसम में भी पानी के लिए तरस रहे है। गांव- गांव में हैण्डपंप तो लगे है लेकिन किसी में हैडिंल नहीं है तो किसी में जंजीर नहीं है तो किसी में पाइप लाइन ही नहीं है। इससे लोग पानी की समस्या के कारण परेशान हो रहे है।
कई स्कूलों में बंद पड़े है हैण्डपंप
शासन द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए गांव- गांव स्कूल स्थापित कर वहां पेयजल की व्यवस्था के लिए हैण्डपंप भी लगाए गए है लेकिन कई स्कूलों में हैण्डपंपो के बंद हो जाने से बच्चों को अपनी प्यास बुझाने के लिए घर से बॉटलों में पानी भरकर लाने के लिए विवश होना पड़ रहा है, तथा उनका पानी अगर खर्च हो जाता है तो वह अपना अध्ययन कार्य छोड़कर वापस घर जाकर बॉटल भरकर स्कूल लाते है।
परीक्षा की तैयारी करें या पानी भरे
अनेक ग्रामों के छात्रों ने बताया कि उनकी बोर्ड परीक्षा नजदीक है लेकिन गांव में पेयजल की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें परीक्षा की तैयारी को छोड़कर पानी के लिए भटकना पड़ता है और जब घर में पेयजल की व्यवस्था हो जाती है उसके बाद भी हम अपना अध्ययन कार्य पूर कर पाते है। वहीं कभी- कभी तो पेयजल के लिए दिनभर भटकना पड़ता है जिससे हमारी पढ़ाई प्रभावित होती है। इससे हमारें वार्षिक परिणाम पर तो फर्क पड़े लेकिन माता- पिता व भाई- बहिन के लिए भी कुछ करना हमारा फर्ज बनता है।
इनका कहना है
बिगड़े हैण्डपंप की शिकायत मिलने पर कर्मचारी को सुधार कार्य के लिए सामग्री सहित भेजा जाता है। बंद हैण्डपंपों को शीघ्र ही सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे है।
के एस पवार कार्यपालन यंत्री, पीएचई दमोह

 

Similar News