नदियों का जलस्तर घटा, रेत माफिया हुए सक्रिय और प्रशासन निष्क्रिय 

नदियों का जलस्तर घटा, रेत माफिया हुए सक्रिय और प्रशासन निष्क्रिय 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-19 17:31 GMT
नदियों का जलस्तर घटा, रेत माफिया हुए सक्रिय और प्रशासन निष्क्रिय 

डिजिटल डेस्क, नरसिंहपुर। सावन का माह सूखा बीतने के साथ ही भादों में भी बारिश नहीं होने की स्थिति के चलते, नदियों का जल स्तर घटा है। इसके चलते नदी तटों पर रेत माफिया सक्रिय होकर बारिश के मौसम में अवैध उत्खनन कर रहे है। इन सब बातों से बेखबर प्रशासकीय अमला निष्क्रिय बना हुआ है। जिले के विभिन्न नदियों से अवैध उत्खनन का क्रम निरंतर जारी है। 

उल्लेखनीय है कि बारिश के मौसम में बारिश नहीं होने की वजह से नर्मदा सहित जिले में बहने वाली बारूरेवा, शक्कर, शेर, सींगरी व अन्य नदियों में, इस बार पानी का बहाव नहीं दिख रहा है। तटों पर सूखे की स्थिति का फायदा उठाकर आसानी से रेत का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है।

नर्मदा के तट खाली 

पानी के अभाव में झांसीघाट सहित नर्मदा के विभिन्न घाटों पर नर्मदा के तट खाली दिख रहे हैं। जहां अथाह जलराशि हुआ करती थी, वहां पर तलहटी तक दिख रही है। झांसीघाट के आसपास इलाके में अथाह जल राशि वाले हिस्से में हाल यह है कि गर्मी के मौसम में भी ऐसे हालात नहीं दिखाई देते। 

शेर नदी में अवैध उत्खनन 

शेर नदी में भी जल भराव कम होने की वजह से तट सूखे पड़े हैं। इसके चलते यहां पर ट्रेक्टरों के माध्यम से लगातार उत्खनन कर रेत का परिवहन किया जा रहा है। तट पर ट्रेक्टरों की उपस्थिति और उठाव की गई रेत के निशान स्पष्ट दिख रहे हैं। 

बारिश में गिरा जलस्तर 

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस स्थिति के चलते जल स्तर नीचे खिसक गया है। बोरवेल ठप होने की स्थिति में है। जिनमें अभी थोड़ा बहुत पानी शेष है, उनमें भी पंप के माध्यम से सिंचाई होना संभव नहीं हो पा रहा है। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में तो जल स्तर 150-160 फुट से नीचे पहुंचने की वजह से नलियां बढ़वाने की स्थिति बनने लगी है। 

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