शिवाजी महाराज वनश्री पुरस्कार में दूसरे स्थान पर वाशिम जिला
उपलब्धि शिवाजी महाराज वनश्री पुरस्कार में दूसरे स्थान पर वाशिम जिला
डिजिटल डेस्क, वाशिम. स्थानीय एसएमसी स्कूल को राज्यस्तर पर द्वितीय क्रमांक का वनश्री पुरस्कार घोषित हुआ है । छत्रपति शिवाजी महाराज वनश्री पुरस्कार प्राप्त करनेवाली विदर्भ की यह पहली शाला होंगी । राज्य के सामाजिक वनीकरण के वनेतर क्षेत्र में पौधारोपण एवं वृक्षसंवर्धन में उत्कृष्ट कार्य करनेवाले व्यक्ति व संस्थाओं को महाराष्ट्र शासन की ओर से प्रतिवर्ष यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है । इस वर्ष से इस पुरस्कार का नामाभिधान छत्रपति शिवाजी महाराज वनश्री पुरस्कार किया गया है।
वर्ष 2018 का राज्य से द्वितीय क्रमांक का पुरस्कार वाशिम की एसएमसी इंग्लिश स्कूल को घोषित हुआ है । पुरस्कार का स्वरुप 75 हज़ार रुपए, स्मृतिचिन्ह व प्रशस्तिपत्र है । विशेष बात यह है की इसवर्ष शाला के 50 वर्ष पूर्ण हो रहे है । स्वर्ण महोत्सवी वर्ष में घोषित हुए इस पुरस्कार के कारण शाला की प्रसिध्दी में वृध्दि हुई है । जिलास्तर पर अनेक मर्तबा पंचतारांकित हरित शाला के रुप में शाला का गौरव हुआ है । बाटनिकल गार्डन, नक्षत्र वन, अटल वन, केंचूआ खाद निर्मिति प्रकल्प, सौर ऊर्जा प्रकल्प, जल पुनर्भरण आदि विविध पर्यावरण विषयक प्रकल्प शाला में चलाए जाते है । साथही पर्यावरण विषयक जनजागृति भी की जाती है । परिसर स्वच्छता व कचरे का बंदोबस्त, प्लास्टिक निर्मूलन व प्रदूषण निर्मूलन के लिए विद्यार्थियों में सतत जनजागृति की जाती है । स्वच्छ संकुल स्वस्थ्य संकुल योजना के अंतर्गत हमेशा ही स्वच्छता बनाए रखनेवाली इस शाला में हरियाली की बहार है । समय के साथ शिक्षा पद्धति में बदलाव कर, डिजिटल पद्धति से शिक्षा देनेवाली इस शाला को महाराष्ट्र शासन का छत्रपति शिवाजी महाराज वनश्री पुरस्कार घोषित होने से आनंदोत्सव मनाया जा रहा है । एसएमसी परिसर में 10 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाई गई थी । हालही में 14 नवंबर को परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण हुआ है । राज्यस्तर पर महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करनेवाली एसएमसी इंग्लिश स्कूल के कारण वाशिम जिले का शैक्षिकस्तर राज्य में उंचा हाेने की प्रतिक्रिया शैक्षिक खेमे में उमड़ रही है।