मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत रीवा में गौशालाओं के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की हो जांच
केंद्र सरकार से मांग मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत रीवा में गौशालाओं के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की हो जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत रीवा में गौशालाओं के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। पटेल ने विशेष उल्लेख के माध्यम से इस विषय को उठाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने रीवा में गौशालाओं के निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की थी। इसके लिए निर्माण एजेंसी पंचायतों को बनाया गया था, परंतु जनपद के अधिकारियों ने बिना किसी अधिकार और कानून के गौशालाओं का निर्माण कार्य पंचायतों से छीनकर प्रदेश एवं जिले के बाहर के व्यक्तियों को सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को निर्माण कार्य दिया गया उन्होंने बेरोजगारों युवकों को राेजगार का लालच देकर सुरक्षा राशि के नाम पर लगभग डेढ़ से दो दो लाख रूपये वसूल किए। राजमणि पटेल ने मांग की कि इस सारे प्रकरण कि गहराई से जांच कराकर जिन युवकों से रूपये वसूले गये हैं, उन्हें उनका पैसा दिलाया जाए और दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
सीधे किसानों के खातों में दी जाए यूरिया सब्सीडी
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने सरकार से मांग की है कि सरकार द्वारा यूरिया पर जो सब्सीडी दी जाती है, वह सीधे किसानों के खातों में दी जाए ताकि यूरिया की कालाबाजारी को रोका जा सके और इससे किसानों के लिए उसकी उपलब्धता भी बढ़ जाएगी। सांसद सोनी ने सदन में इस विषय को उठाते हुए कहा कि बहुत सी औद्योगिक इकाइयां नीम कोटेड यूरिया का उपयोग करने लगी हैं। उन्होंने कहा कि देश में औद्योगिक इकाइयां 10 से 12 लाख टन यूरिया का उपयोग करती हैं जबकि उनके लिए दो लाख टन यूरिया आयात किया जाता है। बाकी सब नीम कोटेड किसानों वाला यूरिया अवैध तरीके से उपयोग में लाती हैं। उन्होने मांग की कि इसकी विस्तृत जांच कराई जाए।