करंट लगने से दो मासूमों की मौत, 3 झुलसे ,नहीं मिली एंबुलेंस चलता रहा हंगामा
करंट लगने से दो मासूमों की मौत, 3 झुलसे ,नहीं मिली एंबुलेंस चलता रहा हंगामा
डिजिटल डेस्क, हरपालपुर। क्षेत्र के पपटुआ गांव में बीती रात करंट की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत होने और तीन लोगों के झुलस जाने के बाद गांव से कई बार फोन एंबुलेंस को लगाने के बावजूद वह मौके पर नहीं पहुंची थी। इसके बाद गांव वाले ट्रैक्टरों व निजी वाहनों से घायलों को इलाज के लिए हरपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के न होने पर घायलों के परिजनों और आम लोगों ने जमकर हंगामा किया था।
बताया जा रहा है कि रात करीब 8 बजे से लेकर दो बजे तक हंगामा चलता रहा, लेकिन मौके पर कोई भी जवाबदेह अधिकारी नहीं पहुंचा था। रात दो बजे के बाद जब एसडीएम और पुलिस के अधिकारी पहुंचे, उसके बाद जाकर हंगामा शांत हुआ। गौरतलब है कि पिछली शाम को पपटुआ गांव निवासी झगरु कुशवाहा के घर की बिजली बंद हो गई थी। जिसे ठीक करने के लिए 12 वर्षीय सुखनंदन कुशवाहा घर में पीछे लगे ट्रांसफार्मर के पास गया, तभी बिजली का तार टूटा होने की वजह से वह करंट की चपेट में आ गया। सुखनंदन को करंट लगते देख उसका चचेरा भाई 14 वर्षीय कमलापत उसे बचाने के लिए गया तो उसे भी करंट लग गया। दोनों को करंट लगते देख रामप्रसाद कुशवाहा, झगरु और रामदीन बचाने के लिए पहुंचे तो उन्हे भी करंट लग गया। करंट लगने से गंभीर रुप से झुलसे सभी लोगों को इलाज के लिए हरपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
प्राइवेट डॉक्टर ने किया इलाज
स्वास्थ्य केंंद्र में पदस्थ चिकित्सक जब नहीं आए तो लोगों ने प्राइवेट चिकित्सक को बुलाया। प्राइवेट चिकित्सक ने घायल लोगों को प्राथमिक उपचार दिया, लेकिन हालत ज्याद खराब होने पर तीनों लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रैफर किया गया।
पुलिस न होती तो अस्पताल में लगा देते आग
एक के बाद एक दो बच्चों की मौत होने और घायलों को समय पर इलाज न मिलने से ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति खासा आक्रोश व्याप्त था। गुस्साई भीड़ प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। इस बीच कुछ लोगों ने गाडिय़ों से पेट्रोल लेकर अस्पताल को आग लगाने की बात कही, पर पुलिस की वजह से घटना टल गई।