किसानों को लिंकिंग से निजात दिलाने की मांग !
परेशानी किसानों को लिंकिंग से निजात दिलाने की मांग !
डिजिटल डेस्क, वाशिम. रासायनिक खाद और बीज बिक्री करनेवाली कुछ कम्पनियां और व्यापारियों ने इन दिनों लिंकिंग का भुत किसानों के सीने पर बैठाया हुआ है । लिंक करके दी गई वस्तू ना लेने पर व्यापारी पर्याप्त संग्रह होते हुए भी किसानों को आवश्यक खाद एवं बीज नहीं देते । परिणाम स्वरुप किसान हैरान-परेशान नज़र अा रहे है । किसानों के सीने से लिंकिंग का भुत उतारने की मांग को लेकर भाजपा प्रतिनिधिमंडल की ओर से जिला महामंत्री नागेश घोपे व तहसीलाध्यक्ष प्रल्हाद गोरे के नेतृत्व में जिला कृषि विकास अधिकारी कार्यालय पर ड़ेरा जमाया गया । पिछले चार दिन से जिलेभर में बारिश ने दस्तक दी है जिसके कारण किसानों ने कृषि कार्य निपटाकर बुआई के लिए लगनेवाले बीज और रासायनिक खाद खरीदने को लेकर भागदौड़ शुुरु कर दी है । इसी बात को देखकर खाद और बीजों की कुछ कम्पनियाें और व्यापारियों ने लिंकीग का भुत किसानों के सीने पर बिठाने का प्रयास शुरु किया है । आवश्यक खाद अथवा बीज के लिए आवश्यक ना रहनेवाला कोई उत्पादन किसनों के मत्थे मढ़ा जा रहा है । किसानों द्वारा यह वस्तू खरीदने से इनकार करने पर पर्याप्त संग्रह होते हुए भी उन्हें आवश्यक रहनेवाली खाद और बीज नहीं दिए जाते । मजबुरन किसानों को लिंक कर दिए जानेवाले उत्पादन खरीदने पड़ते है । परिणाम स्वरुप उन्हें बिलावजह आर्थिक मार सहनी पड़ती है । लिंकींग के माध्यम से किसानों की होनेवाली लूट रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने आक्रमक रुख अपनाते हुए जिला महामंत्री नागेश घोपे व तहसीलाध्यक्ष प्रल्हाद गोरे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिला कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में ड़ेरा जमाया । इस अवसर पर तहसील महामंत्री अंबादास कालापाड, किसान मोर्चा के तहसीलाध्यक्ष नागोराव वाघ, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मोहन गोरे, भाजपा तहसील उपाध्यक्ष रामभाऊ भिसे, राजेश भारती, मदन हजारे आदि उपस्थित थे । लिंकिंग को लेकर जिला कृषि विकास अधिकारी द्वारा पुछने के बावजुद परिस्थिति न बदलने पर भाजपा शीघ्रही आंदोलनात्मक कदम उठाएंगी, ऐसी चेतावनी भी प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को दी ।
खाद की कालाबाज़ारी रोकने की मांग
रासायनिक खाद की कालाबाज़ारी ने किसानों को संकट में ड़ाल दिया है । पूर्व में जिले में डिएपी की कमी थी । कृिष विभाग के अनुसार बाद में तीन रैक लगी लेकिन कुछ व्यापारियों के प्राप्त डिएपी का संग्रह कर रखने से कुछ क्षेत्रों मंे डिएपी की कृत्रिम किल्लत निर्माण हुई है । बाद में कुछ व्यापारी चोरी छूपे अधिक भाव से यही डिएपी बेचकर किसानों को लूट रहे है । डिएपी की कालाबाज़ारी के साथही किसानांे की लूट रोकने की मांग भी भाजपा ने की ।