आदिवासी विभाग घोटाला : कमेटी की सिफारिशों पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इंकार

आदिवासी विभाग घोटाला : कमेटी की सिफारिशों पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इंकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-19 14:55 GMT
आदिवासी विभाग घोटाला : कमेटी की सिफारिशों पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के आदिवासी विभाग में 6 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले की जांच को लेकर पूर्व जस्टिस एमजी गायकवाड कमेटी की सिफारिशों के आधार पर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में मांग की गई थी कि गायकवाड व पूर्व आईएएस अधिकारी करिंदकर कमेटी द्वारा घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिशों पर रोक लगाई जाए।

गौरतलब है कि साल 2004 से 2009 के बीच आदिवासी विभाग में विभिन्न सामानों की खरीद में घोटाला होने का दावा किया गया था। इस दौरान विजय कुमार गावित आदिवासी विभाग के मंत्री थे। घोटाले की जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर पूर्व जस्टिस गायकवाड की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी थी। इस कमेटी की सिफारिशों पर किस तरह कार्रवाई हो इसके लिए सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी करंदिकर की अध्यक्षता में एक और कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।

आदिवासी विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी सुधीर पाटील ने कमेटी की सिफारिशों पर कार्रवाई पर रोक लगाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे जस्टिस शांतनु केमकर व जस्टिस नितीन सांब्रे की बेंच ने खारिज कर दिया है। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास इस तरह की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इसके साथ ही हम करिंदकर कमेटी की सिफारिशों पर भी रोक नहीं लगा सकते। करिंदकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि किस तरह से घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए।

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