नकली नोट छापने और बाजार में चलने वाले आरोपियों को सश्रम कारावास
नकली नोट छापने और बाजार में चलने वाले आरोपियों को सश्रम कारावास
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। नवेगांव थाना क्षेत्र के बम्हनी रैयत के कुछ बदमाशों ने घर पर ही नकली नोट छापने का कारखाना बना लिया था। रंगीन प्रिंटर की मदद से आरोपी नकली नोट छापने का अवैध कारोबार करते थे। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें नोट छापने, खरीद-बेचने और बाजार में चलाने वाले सभी शामिल थे। इस प्रकरण की सुनवाई कर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची ने सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं एक आरोपी को बरी किया है।
लोक अभियोजक शैलेन्द्र तिवारी ने बताया कि कोतवाली पुलिस ने 30 अक्टूबर 2018 को वाहन चैकिंग के दौरान बम्हनी रैयत निवासी सीताराम पिता मेहताब चौहान और विनोद पिता सनीलाल तुमड़ाम को पकड़ा था। उनके पास से 3 लाख रुपए कीमत के पांच सौ के नकली नोट जब्त किए गए थे। जांच के बाद संतोष चौहान, लहगडुआ निवासी राजेन्द्र पवार, नवेगांव के धोबीघाट आककिया सरवन कुशराम, अमरावती के सतनूर निवासी गोलू उर्फ सूरज सालवर्डे और अमरावती के मोर्सी निवासी मनोहर ठाकरे को पुलिस टीम ने नकली नोट व अन्य सामग्रियों के साथ गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची ने आरोपी सीताराम, संतोष, राजेन्द्र और सरवन को धारा 489 ए में आठ-आठ वर्ष का सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड, धारा 489 बी, सी, डी में पांच-पांच साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड और आरोपी श्यामलाल को 489 बी, सी में पांच-पांच साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड, गोलू व मनोहर को 489 सी में तीन-तीन साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
देवास में कराया नोट का परीक्षण-
न्यायाधीश द्वारा आरोपियों से जब्त नकली नोटों को परीक्षण के लिए देवास प्रेस भेजा गया था। देवास में नोट छापने की सरकारी प्रेस है। यहां जांच में पाया गया है कि जब्त सभी नोट नकली है। वहीं कोरोनाकाल में न्यायाधीश द्वारा वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से साक्षियों के बयान दर्ज किए गए थे।