Chhindwara News: बाघों की मौजूदगी से किसान परेशान, सिंचाई करने खेतों में जाने से बच रहे

  • चौरई के पेंच नेशनल पार्क से लगे क्षेत्रों में बना रहता है बाघ का मूवमेंट
  • खेत में बंधे मवेशियों का किया शिकार
  • पोआमा रिसर्च सेंटर में चल ही गश्ती

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 04:44 GMT

Chhindwara। छिंदवाड़ा में चौर ई के पेंच नेशनल पार्क से लगे क्षेत्रों में बाघों की मौजूदगी से किसान परेशान हैं। हाल यह हो गए है कि बाघों की मौजूदगी की दहशत के कारण किसान न खेतों का काम कर पा रहे हैं, न ही मवेशियों को बाहर बांध पा रहे हैं। वन अमला भी शिकार के बाद सर्वे करने जाता हैं। जानकारी के मुताबिक चौरई के कपुर्दा के पास एक बाघ पंद्रह दिन से नजर आ रहा हैं। इसके अलावा हरदुआ के कुंआ में अपने शावक को खोने वाली बाघिन ने वहां से लेकर सिमरिया के जंगल तक अपना डेरा बना लिया हैं। उसके साथ एक शावक था, जो अब कपुर्दा के पास नजर आ रहा हैं। तीसरा बाघ धमनियां से लेकर आमाझिरी, खूंट पिपरिया और मोरखा क्षेत्र को अपनी टेरेटरी बना चुका हैं। ठंड के मौसम में बाघ अपने इलाके से बाहर निकलता हैं। फिलहाल तीनों क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी बनी हुई हैं। खूंटपिपरिया में बाघ ने बकरी का शिकार किया था, जबकि कपूरदा के पास उसने अब तक 2 बैल का शिकार कर चुका हैं। ऐसे में किसान परेशान हैं। किसान हरिओम वर्मा, गोलू रघुवंशी ने बताया कि पार्क से निकलकर साल भर बाघों का डेरा बना रहता हैं। जिसके कारण किसान न खेतों में जा पा रहे हैं ना ही खेती का कार्य कर पा रहे हैं।

खेत में बंधे मवेशियों का किया शिकार

खेतों में बंधे मवेशियों को वन्यप्राणी आसानी से शिकार करते हैं। आंकड़ों पर यकीन करें तो पिछले एक महीने में खेत में बंधे मवेशियों को सबसे ज्यादा वन प्राणियों ने शिकार बनाया हैं। ओरिया और आसपास के खेतों में मवेशियों का शिकार किया हैं।

खेतों में सिंचाई करने नहीं जा रहे किसान

रबी सीजन के साथ ही अब क्षेत्र में किसान खेतों में सिंचाई करने जाते हैं। अधिकांश फीडर में रात्रिकालीन बिजली आपूर्ति हो रही हैं। बीते दिनों कपुर्दा में खेत से लौट रहे किसान को खेत के पास ही बाघ दिख गया था। ऐसे में किसान भयभीत हैं।

पोआमा रिसर्च सेंटर में चल ही गश्ती

परासिया रोड स्थित पोआमा रिसर्च सेंटर में तेंदुए के मूवमेंट के बाद वन विभाग की टीम सर्चिंग में लगी हुई। एक दिन पहले वन विभाग की टीम का तेंदुए से आमना सामना हुआ था इसके बाद वन विभाग ने गश्ती बढ़ा दी है। हालांकि यह अच्छी बात है कि मंगलवार को तेंदुए का मूवमेंट नहीं देखा गया।

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