इस बार मौसम पर ला-निना का प्रभाव, पड़ेगी कड़ाके की ठंड

इस बार मौसम पर ला-निना का प्रभाव, पड़ेगी कड़ाके की ठंड

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-06 09:22 GMT
इस बार मौसम पर ला-निना का प्रभाव, पड़ेगी कड़ाके की ठंड

डिजिटल डेस्क जबलपुर । इस बार ठंड का मौसम कई रिकॉर्ड तोड़ेगा, इसकी संभावना मौसम विशेषज्ञ जता रहे हैं। वजह मौसम पर ला-निना का प्रभाव पडऩा है, जिससे अधिक तीव्रता वाले पश्चिमी विक्षोभ लगातार उत्तर भारत में पहुँच रहे हैं। इसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में जबर्दस्त बर्फबारी होगी और नवम्बर-दिसम्बर में कड़ाके की ठंड पड़ेगी।  गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक व न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 3 डिग्री कम िरकॉर्ड किया गया। आद्र्रता का प्रतिशत 60 रहा। दक्षिणी हवाएँ 1 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं।
क्या हैं ला-निना, अल-निनो, - ला-निना व अल-निनो  मौसमी कारक होते हैं जो  वातावरण को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। प्रशांत महासागर का पानी जब अचानक से असामान्य रूप से गर्म होने लगता है तो यह घटना ला-निना कहलाती है, इसके असर से पूरे एशिया में मौसम परिवर्तित होता है। तेज गर्मी पडऩे के साथ भारत के पश्चिमी तट और मध्य मार्गों में अच्छी बारिश होती है तो कभी यह समीकरण उलट जाता है। इसी तरह ला-निना की स्थिति पैदा होने पर भूमध्य रेखा के आसपास प्रशांत महासागर के पूर्वी तथा मध्य भाग में समुद्री सतह का तापमान असामान्य रूप से ठंडा हो जाता है, मौसम वैज्ञानिकों की भाषा में इसे कोल्ड इवेंट कहा जाता है। 

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