खतरे में नौनिहाल, जर्जर भवन में बैठकर पढ़ने को मजबूर बच्चे

खतरे में नौनिहाल, जर्जर भवन में बैठकर पढ़ने को मजबूर बच्चे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 07:07 GMT
खतरे में नौनिहाल, जर्जर भवन में बैठकर पढ़ने को मजबूर बच्चे

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । करेली विकासखंड में राजमार्ग क्षेत्र के ग्राम पिपरिया बम्हनी की प्राथमिक शाला जर्जर स्थिति मेें है। पिपरिया बम्हनी प्राथमिक शाला में दर्ज संख्या 30 है। स्कूल भवन में महज दहलान को छोड़कर शेष सभी कमरों की हालत इतनी जर्जर है कि यहां बैठाने को मतलब  बच्चों की जान जोखिम में डालना है।स्कूल में बने दो कमरों और कार्यालय में से एक कमरे की छत की स्थिति तो यह है कि यह अब गिरेगी या कब? इसके चलते इन कमरों में शिक्षक द्वारा ताला लगा दिया गया है, ताकि बच्चे गलती से भी इन कमरों में प्रवेश न कर सकें। कमरों के दरवाजे खुलवाने के बाद स्थिति सामने आई कि छत का बहुत सा हिस्सा झड़कर कमरों में मलबे के रूप में  हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार यहां पदस्थ शिक्षक बाहर पेड़ के नीचे बच्चों को बैठाकर पढ़ाता है और बारिश या गर्मी के दौरान दहलान में ही सभी बच्चों को बैठाया जाता है।
स्कूल के यह हालात लगभग 7 साल से हैं। इस संबंध में पत्राचार भी हुआ, मरम्मत के लिए दो बार पैसे दिए गए। पहली बार दी गई राशि अपर्याप्त बताते हुए पंचायत द्वारा वापस कर दी गई। दोबारा डेढ़ साल पहले 90 हजार 500 रूपए की राशि दी गई है। मरम्मत की यह राशि कहां है? इस संबंध में अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद विभाग सक्रिय हुआ है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्र के बहुतेरे स्कूलों की जर्जर स्थिति होने का मुख्य कारण ठोस मानीटरिंग नहीं होना है। अब डीपीसी कार्यालय से लेकर बीआरसी और संबंधित इंजीनियर खोजखबर में जुटे हैं। इसके बाद अभी तक यह जानकारी पुष्ट नहीं हो पाई है कि आखिर राशि का क्या हुआ?
मरम्मत के लिए किया पत्राचार
यहां पदस्थ शिक्षक लक्ष्मण पटैल ने बताया कि वर्ष 2011 से भवन में मरम्मत की दरकार महसूस की जाती रही है। तब से लेकर अब तक कई बार अधिकारियों को पत्र भेजकर स्थिति से अवगत कराया गया है। बीते साल जानकारी मिली थी कि मरम्मत के लिए पंचायत को राशि भेजी गई है। मरम्मत नहीं हुई तो किसी ग्रामीण ने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की है जिसके बाद बुधवार को अधिकारी आए और मौका मुआयना किया है।
कहॉ गया शौचालय?
बीते साल स्वच्छता मिशन के तहत सभी स्कूलों में शौचालय निर्माण या फिर मरम्मत कर स्तरीय बनाने की प्रक्रिया जोरशोर से की गई। जिसमें स्कूलों के लिए 25 हजार से लेकर आवश्यकतानुसार 1 लाख रूपए तक की राशि दी गई थी। वहीं इस स्कूल के शौचालय मूत्रालय की स्थिति यह है कि झाड़ झंकाड़ ऊगे होने की वजह से उपयोग करने लायक तक नहीं है।
इनका कहना है
पिपरिया बम्हनी प्राथमिक शाला के संबंध में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद स्कूल की स्थिति जानने के लिए बीआरसी एवं जनपद पंचायत करेली के इंजीनियर को बोला गया है। एक दो दिन में प्रतिवेदन मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी, जिसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
एसके कोष्टी, समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र नरसिंहपुर

 

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