छात्रावास के 4 कमरों में रह रही103 छात्रायें , न बाउंड्रीबॉल और न ही सुरक्षा
छात्रावास के 4 कमरों में रह रही103 छात्रायें , न बाउंड्रीबॉल और न ही सुरक्षा
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । प्रशासनिक व्यवस्थाओं की लापरवाही अथवा नजरअंदाजी का आलम यह है कि छह कमरों के एक छात्रावास में एक सैकड़ा से ज्यादा छात्रायें रह रही हैं। यह मामला प्रकाश में आया है करेली स्थित माध्यमिक कन्या शाला के छात्रावास में। जगह की कमी के चलते उक्त छात्रायें अपने दैनिक कार्यों को कैसे अंजाम देती होगी, यह सोचनीय है।
गौरतलब है कि राज्य शिक्षा मिशन द्वारा संचालित जिले का यह एकमात्र छात्रावास है, जहां 6 से 8 कक्षा की छात्रायें रह रही हैं। छात्रावास में स्थान की कमी के बावजूद बालिकाओं को इसमें कैसे प्रवेश मिल गया, यह भी विचारणीय है।
103 छात्रायें हैं दर्ज
यूं तो छात्रावास में 103 छात्राओं के नाम दर्ज हैं, करीब 100 छात्रायें यहां नियमित रूप से रहती हैं। छात्रावास में कुल मिलाकर छह कमरे हैं, इनमें से भी दो कमरों में छात्राओं का सामान और स्टोर के रूप में उपयोग होता है। शेष चार कमरों में छात्राओं को रहने, सोने और अध्यापन का कार्य करना होता है। इस हेतु पृथक व्यवस्था न होने से छात्राओं को खासी परेशानी महसूस होती है।
शौचालय बड़ी समस्या
छात्रावास में 100 से अधिक छात्राऐं नियमित रुप से रह रही है इन बालिकाओं में से ज्यादातर का स्कूल सुबह 7 बजे से लगता है जिसके कारण पर्याप्त शौचालय की व्यवस्था न होना सबसे बड़ी समस्या है। एक समय में एक साथ स्कूल के लिए तैयार होना और छात्रावास में मात्र 6 शीटर शौचालय और प्रसाधन नाकाफी सिद्ध होता है। यदि प्रशासनिक अधिकारी और जिम्मेदार विभाग इन छात्राओं को सुविधा को देखते हुए छात्रावास में कुछ शौचालय और प्रसाधन बनवा दे तो बच्चियों को हो रही असुविधा दूर हो जायेगी।
बाउंड्रीवाल का अभाव
नगर के मध्य में स्थित नगरपालिका और एक निजी स्कूल के ग्राउंड के पास बने इस छात्रावास की एक अन्य समस्या यह है कि पूरा परिसर बाउंड्रीवाल विहीन है जिसके कारण परिसर में हमेशा ही आसपास के रहवासियों, दूसरे स्कूल के बच्चों और अनाधिकृत लोगों की आवाजाही बनी रहती है जिससे बालिकाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिंह लगता है। यदि छात्रावास के चारों ओर बाउंड्रीवाल बन जाती है तो सुरक्षा की दृष्टि के साथ बालिकाओं को खेलने के लिए भी उपयुक्त ग्राउंड भी मिल जायेगा और जगह की कमी की परेशानी भी दूर हो जायेगी।
सारे दैनिक कार्य और कमरा एक
छात्रावास की छात्राओं ने बताया कि यहां जगह का अभाव बना रहता है। वहीं ऊपर के कमरों का सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयोग नहीं होता है। छात्रावास के आसपास मकान बने हुए है बाउंड्रीबाल की कमी के कारण इन कमरों का उपयोग रात्रिकालीन समय में नहीं होता। साथ ही छोटी बच्चियो का छत से नीचे गिरने की संभावना भी बनी रहती है।
इनका कहना है।
दैनिक कार्यो में जगह की कमी प्रमुख समस्या है साथ ही छत और परिसर की बाउंड्रीवाल सुरक्षा की दृष्टि से अति आवश्यक है। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
उर्मिला चौहान बालिका छात्रावास, अधीक्षिका करेली