दूसरों को कोरोना से बचने और जागरूक करने वाली कार्यकर्ता खुद हार गई कोरोना से जंग
दूसरों को कोरोना से बचने और जागरूक करने वाली कार्यकर्ता खुद हार गई कोरोना से जंग
गर्भवती होने के बाद भी जिम्मेदारी निभाती रही मानकादेही की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/परासिया। महामारी के संक्रमणकाल में जब लोग घर से बाहर निकलने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। इस दौरान तहसील उमरेठ की पंचायत मानकादेही खुर्द की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू परानी ने पहले लोगों को मास्क पहनने और सेनेटाइजर का उपयोग करने जागरूक किया। फिर टीकाकरण के लिए घर-घर जाकर लोगों को समझाइश दी। गर्भवती होने के बाद भी वह अपनी जिम्मेदारी निभाती रही। अचानक बीमार होने के बाद 19 जून को मंजू ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू परानी का विवाह दबक के रामप्रसाद कुमरे से हुआ था। वह मायके में रहकर ही आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन करती थी। कोरोना की दूसरी लहर के पहले वह गर्भवती हो गई थी। गर्भवती होने के कारण उसने टीकाकरण नहीं करवाया। इसके बावजूद वह आंगनबाड़ी केंन्द्र की जिम्मेदारी पूरी करने के साथ स्वास्थ्य विभाग से मिले दिशा निर्देश पर कार्य करती रही। ग्रामीणों को टीकाकरण करवाने और कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाने के लिए प्रेरित करती रही। मृतिका के पति रामप्रसाद कुमरे ने बताया कि 18 जून को मंजू का अचानक स्वास्थ्य खराब हुआ। दूसरे दिन 19 जून को इलाज के लिए अस्पताल ले गए, उसकी कोरोना जांच हुई और कोरोना वार्ड में ही शाम को मौत हो गई। मौत के दूसरे दिन 20 जून को उसकी कोरोना रिपोर्ट पाजीटिव रिपोर्ट आई।
परिजनों को किया क्वारेंटाइन-
स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी अनूप साहू ने बताया कि मानकादेही खुर्द में मृतक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के संपर्क में आए 32 लोगों की स्केनिंग हुई है। यहां परिजनों को क्वारेंटाइन किया गया है। जो भी मृतिका के संपर्क में आया हो, वो स्वत: क्वारेंटाइन हो जाए।
ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि
मंगलवार को मानकादेही में ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पंचायत सचिव, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता सहित अन्य लोगों ने कोरोना काल में मंजू द्वारा किए गए कार्यों को सराहा।