बाल विवाह का दंश... १३ की उम्र में ब्याही, १५ में प्रसव के दौरान तोड़ा दम
छिंदवाड़ा बाल विवाह का दंश... १३ की उम्र में ब्याही, १५ में प्रसव के दौरान तोड़ा दम
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा।जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में शुक्रवार को एक १५ साल की गर्भवती की प्रसव के दौरान मौत हो गई। नाबालिग की मौत ने जिले में बाल विवाह रोकने के लिए चलाए जाने वाले अभियानों की पोल खोलकर रख दी है। अभियान यदि कागजों के बजाए जमीन पर उतरकर चलाया जाता तो उक्त घटना सामने नहीं आती। परिजनों में जागरुकता की कमी और जिला प्रशासन की अनदेखी से कम उम्र में शादी और मां बनने के लिए पूरी तरह से वयस्क न हो पाने से जच्चा व बच्चा की जान चली गई। मामला उमरेठ थाना क्षेत्र का है।
अस्पताल चौकी पुलिस ने बताया कि उमरेठ थाना क्षेत्र की १५ साल की एक नाबालिग गर्भवती को गंभीर हालत में शुक्रवार दोपहर लगभग १.३० बजे जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में भर्ती कराया गया था। नाबालिग के पेट में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। नाबालिग की भी हालत गंभीर थी, चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बाद भी नाबालिग की जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस ने मृत नाबालिग और नवजात का शव पीएम के लिए मच्र्युरी में रखा है। शनिवार को मृतकों का पीएम कराया जाएगा।
नाबालिग के गर्भ में फैल गया था इंफेक्शन-
गायनिक वार्ड से मिली जानकारी के मुताबिक नाबालिग लगभग सात माह की गर्भवती थी। शुक्रवार दोपहर लगभग १.३० बजे उसे गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। बच्ची के गर्भ में ही नवजात की मौत हो चुकी थी। उसके गर्भ में इंफेक्शन फैल गया था। जिसकी वजह से नाबालिग की भी मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक गर्भवती की पहले कभी स्वास्थ्य जांच नहीं हुई थी।
दो साल पहले रीति-रिवाज के साथ हुआ था विवाह-
मृतका की मां ने बताया कि उसकी तीन बेटी और दो बेटे है। दो साल पहले सबसे छोटी बेटी का विवाह किया था। १२ दिसम्बर २००७ को जन्मी बच्ची की शादी के वक्त उसकी उम्र १३ साल थी। उमरेठ थाना क्षेत्र के एक गांव से बकायदा बारात आई थी। पूरी रीति-रिवाज से उन्होंने बच्ची का विवाह कराया था। नाबालिग का जिस युवक से विवाह हुआ था। उसकी अभी उम्र १९ साल है, यानी शादी के वक्त उसकी उम्र १७ साल रही होगी। मामले ने बाल-विवाह रोको मुहिम और जिम्मेदारों की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।