संसाधनों का समान वितरण कर जरूरतमंदों को सहारा देती है संबल योजना मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों को दी सहायता राशि और संवाद भी किया
संसाधनों का समान वितरण कर जरूरतमंदों को सहारा देती है संबल योजना मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों को दी सहायता राशि और संवाद भी किया
डिजिटल डेस्क, रतलाम। रतलाम मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार गरीबों के कल्याण को सर्वोपरि मानती है। संसाधनों का समान वितरण कर जरूरतमंद गरीबों को सहारा देने वाली संबल जैसी व्यावहारिक योजना को पूर्व सरकार ने बंद कर दिया था। जन्म के पूर्व से लेकर असामयिक मृत्यु की स्थिति में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने वाली संबल योजना पर निरंतर अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मिंटो हाल भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में संबल योजना के 3700 हितग्राहियों के खाते में 80 करोड़ की अनुग्रह राशि का अंतरण किया। तीन साल में मिलेगा सभी को पक्का मकान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल संसाधनों के समान वितरण की योजना है। यह योजना गरीबों के लिए बहुत बड़ा सहारा बनी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने मुँह का निवाला भी छीन लिया था। गर्भवती बहनों के पोषण में उपयोगी लड्डू से उन्हें वंचित कर दिया गया था। पूर्व सरकार के इशारे पर योजना बंद हो गई थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आने वाले तीन साल में सभी को पक्का मकान मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा हितग्राहियों से चर्चा के दौरान उन्हें संबल योजना के लाभ बताए और आश्वासन दिया कि आप लोग कभी चिंता न करना। यह योजना चालू रहेगी और आप लोगों को इसका लाभ मिलता रहेगा। प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को संबल से जोड़ा जाएगा मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में जो हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हैं उन्हें भी इसका लाभ दिलवाया जाएगा। जो प्रवासी श्रमिक कोविड-19 की समस्या के कारण प्रदेश में लौटे उन्हें भी संबल से जोड़ा जाएगा। इन श्रमिकों को भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल से जोड़कर भी लाभान्वित किया जाएगा। इन श्रमिकों के बच्चों के लिए नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह वास्तविकता है कि जिस परिवार में कोई दु:खद घटना होती है, कुछ दिन सभी लोग सहानभूति व्यक्त करते हैं। वास्तविक पीड़ा प्रभावित व्यक्ति ही महसूस कर सकता है। ऐसे लोगों को सरकार से आर्थिक सहायता मिलना ही चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों की योजना संबल के क्रियान्वयन के लिए धनराशि की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज जिन हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला है, वे आत्मनिर्भर हो सकेंगे। बाइस जिलों में 308 स्थानों पर मना कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में 22 जिलों के हितग्राहियों के खाते में 80 करोड़ रूपये की सहायता राशि ऑनलाईन अंतरित की। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के साथ प्रथम चरण में 22 जिलों के 308 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संबल योजना की राशि हितग्राहियों के खातों में अंतरित करने के बाद हितग्राहियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के प्रथम चरण में सागर, छतरपुर, पन्ना, शिवपुरी, ग्वालियर, अशोकनगर, गुना, दतिया, भिण्ड, मुरैना, इंदौर, खण्डवा, बुरहानपुर, धार, रायसेन, राजगढ़ विदिशा, अनूपपुर, आगर, मंदसौर, देवास और भोपाल के प्रत्येक जनपद पंचायत, नगर पालिका निगम, नगर पालिका परिषद्, नगर पंचायत मुख्यालयों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देशों का पालन किया गया। कार्यक्रम में सीमित हितग्राहियों की उपस्थिति थी। इन कार्यक्रम स्थलों पर मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रसारण के लिए एल.ई.डी. स्क्रीन की व्यवस्था भी की गई थी। कार्यक्रम के प्रसारण के लिए एन.आई.सी. द्वारा नेट लिंक प्रदान किया गया था। कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने किया। कार्यक्रम में खनिज साधन, श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुम्मकड़ एवं अर्द्धघुम्मकड़ जनजाति कल्याण एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राम खेलावन पटेल भी उपस्थित थे। इसके अलावा विभिन्न जिलों से अन्य मंत्रीगण और विधायक भी इस कार्यक्रम से जुड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संबल योजना के अंतर्गत हितलाभ वितरण कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा मंदसौर, गुना, सागर, रायसेन और भिंड के हितग्राहियों से बातचीत भी की। हर हाल में जारी रखना संबल योजना मंदसौर के ग्राम नाटाराम की श्रीमती लीलाबाई बागरी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से कहा कि संबल योजना को हरहाल में जारी रखना। श्रीमती लीला बाई के पति मजदूरी करते थे। बीमारी के कारण उनकी असामयिक मृत्यु हो गई थी।