समूह से जुड़कर आत्‍मनिर्भर बनीं श्रीमती रेखा रलोतिया "खुशियों की दास्ताँ"!

खुशियों की दास्ताँ समूह से जुड़कर आत्‍मनिर्भर बनीं श्रीमती रेखा रलोतिया "खुशियों की दास्ताँ"!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-01 12:06 GMT

डिजिटल डेस्क | रतलाम ज़िले के विकासखंड बाजना के ग्राम हमीरगढ़ की रहने वाली रेखा रलोतिया बताती है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी। रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करना और अपने बच्चों का पालन पोषण करना उनके लिए कठिन होता जा रहा था। श्रीमती रेखा के मन में बचपन से ही कुछ कर दिखने का जज़्बा था। परिवार की ऐसी स्थिति को देखते हुए उन्होंने सब्जी बेचने का व्यवसाय करने का निर्णय लिया। किन्तु उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे सब्जी व्यवसाय के लिए पूंजी जुटा पाती।

इसी दौरान वे ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह से जुडी, रेखा को मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना की जानकारी मिली तो आवेदन किया, बैंक से 10 हजारु रूपए की ऋण राशि प्राप्त कर अपने फल-सब्जी विक्रय का व्यापार आरम्भ किया। श्रीमती रेखा बताती है कि वे मंडी से फल-सब्जी लाकर बेचती है। इससे उन्हें प्रतिमाह 8 से 9 हजार रूपए मिल जाते है। अब परिवार के लिए पर्याप्त आमदनी होने से खुशहाली आ रही है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देती हैं जिनकी योजना की बदौलत उनका परिवार बदहाली से निकल सका है।

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