कोरोना संक्रमण को लेकर फिलहाल हरकत में नहीं जिला अस्पताल प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा

कोविड आईसीयू वार्ड को बना दिया मेटरनिटी वार्ड कोरोना संक्रमण को लेकर फिलहाल हरकत में नहीं जिला अस्पताल प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-26 08:24 GMT
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डिजिटल डेस्क,सिवनी। चीन में फैली कोरोना की लहर ने सबको डरा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी मैदानी स्तर पर एहतियात बरतने को कहा है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में अभी कोई एलर्ट नहीं दिख रहा। कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग ने जो संसाधन बढ़ाए थे, उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिला अस्पताल में पीछे के भवन में भूतल पर बनाए गए 26 बेड के कोविड आईसीयू वार्ड को मेटरनिटी वार्ड बनाकर रखा गया है। इस वार्ड में प्रसव के बाद महिलाओं को रखा जा रहा है, जबकि मेटरनिटी के लिए अलग से सेपरेट वार्ड बनाया गया है।

सीटी स्कैन मशीन में टेस्टिंग कम

कोरोना संक्रमण के पीक समय में सीटी स्कैन मशीन में लोगों को जहां नंबर लगाने के लिए रात से ही लाइन लगाना पड़ती थी, वहां वर्तमान में चार से पांच ही सीटी स्कैन रूटीन के हो रहे हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि सीटी स्कैन मशीन की सुविधा सिविल अस्पताल में भी होनी चाहिए। विषम परिस्थितियों में लोगों को परेशान न होना पड़े।

सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर स्टोर में रखे

तीसरी लहर के पश्चात कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम होने के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंटे्रटर स्टोर शाखा में रखवा दिए गए हैं। इसके अलावा अन्य उपकरणों को भी रखवा दिया गया है। वर्तमान में जिला अस्पताल के पास 300 ऑक्सीजन सिलेंडर और 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हैं। हालांकि 120 ऑक्सीजन बेड बनने के बाद कंसंट्रेटर की जरूरत उतनी नहीं पड़ेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अप्रैल तक 89515 सेंपल लिए गए थे, जिनमें 4727 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। अभी भी सरकारी रिकार्ड में कोरोना से 28 लोगों की मौत बताई जा रही है। 22 अप्रैल 2021 को जिले में सबसे ज्यादा 164 कोरोना पॉजिटिव मिले थे।

ऑक्सीजन प्लांट में ताला

ऑक्सीजन के लिए स्थापित किए गए दो ऑक्सीजन प्लांट अभी भी जस की तस स्थिति में हैं। दोनों चालू स्थिति में हैं। दोनों प्लांट में फिलहाल ताला लगा हुआ है। कोरोना महामारी की पहली लहर में जिला अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला प्लांट स्थापित किया गया था। इसके बाद 570 लीटर प्रति मिनट क्षमता का दूसरा ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया।
 

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